निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रानिक, प्रिंट और अन्य सभी तरह के प्रचार माध्यमों को निर्देश दिया है कि वे शनिवार को लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान के समाप्त होने के बाद ही एग्जिट पोल का प्रचार या प्रसार कर सकते हैं। आयोग ने 18 वीं लोकसभा के चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के संबंध में गत मार्च में जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि 19 अप्रैल सुबह सात बजे से लेकर एक जून शाम साढे छह बजे तक मीडिया के सभी प्रचार माध्यमों पर एग्जिट पोल के प्रचार प्रसार करने पर रोक रहेगी।
दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा या लोकसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है। मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक का मूड किस ओर है? मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को लोकसभा के सातवें और अंतिम चरण तथा ओडिशा विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होन रहा है। आयोग ने कहा है कि शनिवार को शाम साढे छह बजे तक सभी तरह के एग्जिट पोल के प्रचार प्रसार पर रोक रहेगी।