अवकाश प्राप्त वायु-सैनिकों की संस्था ‘एयर वेटरंस वेलफ़ेयर फ़ाउंडेशन’ के तत्त्वावधान में रविवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन भावन परिसर, कदमकुआं में वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष और पूर्व वायु सैनिक वारंट औफिसर संजय कुमार, वारंट औफिसर विजय कुमार, सार्जेंट वरुण कुमार चौधरी, वारंट औफिसर एस के झा, सार्जेंट राकेश कुमार, जूनियर वारंट औफिसर प्रदीप कुमार तिवारी, सार्जेंट सत्येंद्र यादव, सार्जेंट अनुज कुमार सिंह, सार्जेंट विपिन चंद्र त्रिवेदी, सार्जेंट प्रेम प्रकाश, डा शालिनी पाण्डेय, कृष्ण रंजन सिंह, सार्जेंट रवि रंजन, सार्जेंट सुधीर कुमार आदि ने वृक्ष लगाए।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा सुलभ ने कहा कि वृक्ष ही प्राणवायु, जिसे अंग्रेज़ी में ‘औक्सीजन’ कहते हैं, का उत्पादन करते हैं। वृक्षों की अंधाधुँध कटाई से न केवल पर्यावरण में असंतुलन, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों के जीवन पर भी संकट उत्पन्न हुआ है। ये वृक्ष और वनस्पति ही हैं जो हमारे द्वारा त्यागे कार्बन डाई ऑक्साइड को वायुमंडल से खींच लेता है और हमें प्रदूषण से बचाता है और समस्त प्राणियों के जीवनाधार औकसीजन प्रदान करते हैं। हर एक वृक्ष प्राणी-जगत के लिए ‘शिव’ के समान हैं। बड़ी संख्या में वृक्ष लगाए जाने चाहिए और इनकी रक्षा भी भक्ति-भावना के साथ की जानी चाहिए।
आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि देश के पूर्व सैनिक अपने सेवाकाल में ही नहीं, अपने संपूर्ण जीवन-काल में मातृभूमि की सेवा और रक्षा के लिए जीवन-उत्सर्ग कारने के लिए तत्पर रहते हैं। हमारे जीवन का हर क्षण एष और देश-वासियों की सेवा और कल्याण में व्यतीत हो, हमारी यही अभिलाषा रहती है। धन्यवाद-ज्ञापित करते हुए फ़ाउंडेशन के महासचिव विजय कुमार ने कहा कि उनकी संस्था पर्यावरण-संतुलन के महत्त्व को समझते हुए आमजन को जागरूक करने तथा इसमें अपनी सहभागिता देने के लिए नियमित अंतराल पर वृक्षारोपण एवं अन्य जागरूकता कार्यक्रम चलाती रहती है। उन्होंने यह अवसर देने के लिए साहित्य सम्मेलन के प्रति अपना आभार प्रकट किया। अर्चना कुमारी, मधुमिता, रिता त्रिवेदी, सार्जेंट अशोक कुमार, अविनाश कुमार झा, सार्जेंट संतोष कुमार, अभिषेक कुमार आदि फ़ाउंडेशन के सदस्यों, प्रबुद्धजनों एवं सम्मेलन कर्मियों ने वृक्षारोपण में अपना योगदान दिया।