बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ की सादगी जगजाहिर है। वे कभी खुद झोला लेकर सब्जी खरीदने जाते हुए पटना की सड़कों पर दिख जाते हैं तो कभी अपने हाथों से खूबसूरत पेंटिंग बनाते हुए। डॉ एस सिद्धार्थ ने एक और ऐसा ही काम किया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल डॉ एस सिद्धार्थ ने जब से शिक्षा विभाग की कमान संभाली है व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में डॉ एस सिद्धार्थ एक विद्यालय के निरीक्षण के लिए पहुंचे। वे बड़ी गाड़ियों और लाव लश्कर के साथ जाने के बजाय ट्रेन से जाने का रास्ता चुना और निकल पड़े ट्रेन से ही। ट्रेन में उन्हें सीट भी नहीं मिली वे खड़े ही हो कर गए।
एसीएस एस सिद्धार्थ दानापुर से ट्रेन में सवार हुए और बिहिया गए। बिहिया में स्टेशन से बाहर आने पर कुछ छात्राएं मिली जिनसे स्कूल का पता पूछा और फिर चल पड़े उनके ही साथ। स्कूल पहुंचने पर कुछ देर के लिए शिक्षक भी चौंक गए और शायद पहचान भी नहीं पाए। फिर उन्होंने प्रधानाध्यापक से मुलाकात की और स्कूल में बच्चों की उपस्थिति, पठन पाठन समेत कई अन्य मामलों की जानकारी ली। अपनी इस यात्रा के दौरान डॉ एस सिद्धार्थ ने स्टेशन पर और ट्रेन में आम आदमियों की परेशानी भी देखी और उनसे बातचीत भी की। डॉ एस सिद्धार्थ स्टेशन पर झाड़ू की गट्ठर लेकर बैठी महिला से बातचीत करते भी दिखे तो ट्रेन में भी आम यात्रियों से बातचीत की।