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चिकित्सक स्टोर में उपलब्ध दवाओं और जेनेरिक दवाएँ ही करें प्रेस्क्राइब: डीएम सारण

डीएम अमन समीर ने आज स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। गर्भवती महिलाओं के के एएनसी एवं प्रसव से संबंधित समीक्षा आशावार की गई। बताया गया कि जुलाई माह में जिला में कुल 4810 प्रसव के मामले दर्ज किये गए। इनमें से सदर अस्पताल में 292, अनुमंडलीय अस्पतालों में 229, पीएचसी/सीएचसी में 3070 प्रसव कराये गये। निजी अस्पतालों में 354 मामले दर्ज किये गये। घरों में प्रसव के भी कुछ मामले दर्ज किये गये।

सारण 24 अगस्त, 2024। डीएम अमन समीर ने आज स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। गर्भवती महिलाओं के के एएनसी एवं प्रसव से संबंधित समीक्षा आशावार की गई। बताया गया कि जुलाई माह में जिला में कुल 4810 प्रसव के मामले दर्ज किये गए। इनमें से सदर अस्पताल में 292, अनुमंडलीय अस्पतालों में 229, पीएचसी/सीएचसी में 3070 प्रसव कराये गये। निजी अस्पतालों में 354 मामले दर्ज किये गये। घरों में प्रसव के भी कुछ मामले दर्ज किये गये।

जिलाधिकारी ने घरों में प्रसव के सभी मामलों का सत्यापन कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सीडीपीओ प्रत्येक माह नियमित रूप से बैठक कर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की नियमित रूप से समीक्षा करें।

लक्ष्य के अनुरूप 85 आशा की रिक्ति बताई गई जिसे एक महीने के अंदर चयनित करने का निदेश दिया गया।
अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के संदर्भ में बताया गया कि सदर अस्पताल में कुल 344 तरह की दवाइयां तथा पीएचसी में लगभग 240 तरह की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिये। इन सभी दवाइयों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित रखने के लिये सभी अस्पतालों से निर्धारित समय पर ऑनलाइन मांग सुनिश्चित की जानी चाहिये। यह मांग त्रैमासिक रूप से अगले त्रैमास के लिये एडवांस में की जाती है। दवाइयों की निरंतर उपलब्धता की जिम्मेदारी संबंधित प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की होगी। उन्हें उपलब्ध स्टॉक एवं आवश्यकताओं का आकलन कर ससमय मांग करनी होगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि ईलाज करने वाले चिकित्सक ड्रग स्टोर में उपलब्ध दवाओं/जेनेरिक दवाओं को ही प्रेस्क्राइब करें। इसकी प्रत्येक सप्ताह जाँच कराई जायेगी। जाँच में अगर पाया गया कि स्टोर में उपलब्ध दवाओं की जगह उसी कम्पोजीशन की अन्य दवाओं को बाजार से क्रय करने के लिए प्रेस्क्राइब किया गया है, तो संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।

जिला के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (सी एच सी) के NQAS सर्टिफिकेशन हेतु सात दिनों के अंदर सभी सेंटर का बेसलाइन सर्वे विशेषज्ञ टीम के माध्यम से सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में पार्टनर संस्थाओं के अपेक्षित दायित्व को स्पष्टता से उल्लेखित कर उनके कार्यों की भी नियमित रूप से समीक्षा करें।
आयुष्मान भारत के तहत विभिन्न निजी अस्पतालों को भी इमपैनल किया गया है। विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधा हेतु सभी सूचिबद्ध अस्पतालों की समीक्षा कर किस बीमारी के विशेषज्ञ इलाज हेतु कोई भी अस्पताल सूचिबद्ध नहीं है, इस गैप को चिन्हित करें। ऐसी बीमारियों के ईलाज हेतु सक्षम एवं योग्य निजी अस्पतालों को भी सूचिबद्ध करने हेतु कार्रवाई की जायेगी।

परिवार नियोजन के उद्देश्य से नसबंदी एवं बंध्याकरण हेतु आशा के माध्यम से पुरुषों एवं महिलाओं को मोबलाइज करें।

डेंगू के संदर्भ में जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से सितंबर एवं अक्टूबर माह तक इसका संभावित चरम समय होता है। इसके लिये सभी नगर निकायों के माध्यम से निरंतर फॉगिंग कराया जायेगा। चिन्हित हॉट स्पॉट पर विशेष रूप से फोकस करने को कहा गया।

सम्पूर्ण टीकाकरण के तहत अप्रैल-जून त्रैमास में जिला में लगभग 87 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। इस संदर्भ में आगामी 15 दिनों में आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से सर्वे कराने को कहा गया। इसके लिये सभी सीडीपीओ महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ बैठक कर इस आशय की जानकारी देंगी तथा इस कार्य की मॉनिटरिंग करेंगी। सभी एमओआईसी आरआई की नियमित समीक्षा करें तथा कमियों को चिन्हित कर उसे दूर करने के लिये लक्षित पद्धति से काम करें।

बैठक में उपविकास आयुक्त, जिला मलेरिया पदाधिकारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, बीएचएम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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