By: Raju Prasad Jayswal
पलामू 21 अगस्त 2024। पलामू प्रमंडल में हुई चोरी के विभिन्न मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया गया है। पकड़े गए आरोपियों में 20 की पहचान मध्य प्रदेश के गुना जिले के धनैउदा थाना क्षेत्र के बिलाई खेड़ी गांव निवासी के रूप में हुई है। दो की पहचान मध्य प्रदेश के राइसन जिला के सांची थाना क्षेत्र के गुडल गांव निवासी के रूप में जबकि एक की पहचान बिहार के गया जिले के चाकन थाना क्षेत्र के चाकन बाजार गांव निवासी के रूप में किया गया है। 11 पुरुष और 11 महिला आरोपियों के साथ-साथ चोरी का सामान खरीदने के आरोपी बिहार के गया निवासी सोनार मनोज कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने मंगलवार की शाम में मेदिनीनगर शहर थाना में प्रेस वार्ता कर उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से दो बड़ा पेचकस, तीन गुलेल, लोहे का दो रॉड, आठ मोबाइल फोन, 48 हजार 500 नगद, चांदी का मछली जैसा बना हुआ 10 जेवर, चांदी का एक कटोरा, चांदी का एक गिलास, एक जोड़ा पायल, बैलून लगा लोहे का पत्ता, बैलून फुलाने का पंप बरामद किया गया है।
दरसअल हाल के दिनों में झारखंड के पलामू में 15, लातेहार में तीन और गढ़वा में दो चोरी की घटना हुई थी. गिरोह के उद्भेदन के लिए पलामू , गढ़वा और लातेहार में स्पेशल टीम गठन किया गया। पुलिस ने स्पेशल टीम ने तकनीकी जांच के आधार पर 59 लोगों को हिरासत में लिया था। जिसमे से 22 चोरी की घटना में शामिल थे। गिरफ्तार पारदी गिरोह के पास से पुलिस ने चोरी में इस्तेमाल होने वाले कई सामग्री को बरामद किया है।
गुलेल से चेक करते थे घर
गिरोह की महिला सदस्य बैलून बेचने के बहाने घर की रेकी करते थी। रेकी के बाद खाली घर के बारे में गिरोह के पुरुष सदस्यों को सूचना दी जाती थी। उसके बाद गिरोह घर को निशाना बनाता था। यह गिरोह गुलेल से रात ने घर को चेक करता था घर खाली है या उसमे लोग है। सुने घर मे गुलेल से पत्थर मारकर चेक करता था, हल्ला होने पर चोरी नही करता था। और जब पत्थर मारने पर कुछ समय तक आवाज़ नही आती थी तो चोरी की घटना को अंजाम देता था।
चहारदीवारी वाले घर को बनाता था निशाना
पारदी गिरोह उसी घर को निशाना बनाता था जिस घर की चारदीवारी होती थी। गिरोह खिड़की को उखाड़ कर घर में घुसता था और सिर्फ सोना एवं जेवरात चोरी करता था। पुलिस जब चोरी के मामले की अनुसंधान में जुटी थी उसी दौरान पता चला कि हरियाणा में भी इसी तरह की चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने हरियाणा की घटना को पलामू की घटना से जोड़ा जिसके बाद गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
गिरोह रेलवे स्टेशन के आस पास बनाता था ठिकाना
पारदी गिरोह रेलवे स्टेशन के आस पास ठिकाना बनाता था। जिस जगह ने ठिकाना बनाते थे उससे 30 से 40 किलोमीटर दूर निशाना बनाते थे। घटना के दौरान किसी गिरोह का कोई भी सदस्य मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था। वे झारखंड, बिहार समेत कई इलाकों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
बड़ी चोरी के बाद के बाद गिरोह के सदस्य देवी स्थल में करते थे पूजा
पारदी गिरोह से जुड़े सदस्य बड़ी चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के बाद मंदिर में पूजा करते थे। इस गिरोह से जुड़े हुए इस पूजा में शामिल होते थे। पुलिस अनुसंधान में यह बात पता चला है कि गिरोह से जुड़े हुए कई सदस्य गया के जेल में हैं। पुलिस ने जब मामले में रामगढ़ के बरकाकाना कि इलाके में छापेमारी की तो कई जानकारी मिली थी। मौके से कई सदस्य फरार हो गए थे।