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CM नीतीश कुमार ने ककोलत जलप्रपात में पर्यटकीय सुविधाओं का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने ककोलत जलप्रपात में पर्यटकीय सुविधाओं का किया लोकार्पण। ककोलत जलप्रपात पर्यटकों के लिये सुगम, सुरक्षित एवं आकर्षक बनाया गया है। इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड स्थित ककोलत जलप्रपात में पर्यटकीय सुविधाओं का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर लोकार्पण किया और पर्यटकों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने वन विश्राम गृह ‘अरण्यधारा’ का भी फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने वन विश्राम गृह का निरीक्षण भी किया। वन विश्राम गृह के सभागार में मुख्यमंत्री के समक्ष ककोलत जल प्रपात विकास यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने ककोलत जलप्रपात के विकास के लिए बेहतर कार्य करनेवाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने प्रतीक चिह्न एवं पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने ककोलत जलप्रपात परिसर में वृक्षारोपण भी किया। ककोलत जलप्रपात में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग यहाँ घूमने आते हैं लेकिन ककोलत में लोगों के लिए पर्यटकीय सुविधाओं का अभाव था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में पहली बार ककोलत जलप्रपात का भ्रमण कर पर्यटकीय सुविधाओं के विकास के लिए कई निर्देश दिये थे, जिसके उपरांत वर्ष 2013-14 में यहाँ पर कई पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2022 में ककोलत जलप्रपात में पर्यटकों के लिए सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु कई अन्य कार्य प्रारंभ किये गये। आज ककोलत जलप्रपात में ईको टूरिज्म सुविधाओं के विकास कार्य का लोकार्पण होने से पर्यटकों को प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने में सहूलियत होगी। ककोलत जलप्रपात पर्यटकों के लिये सुगम, सुरक्षित एवं आकर्षक बनाया गया है। ककोलत में पहाड़ चढ़ते वक्त हमेशा पत्थरों के गिरने की संभावना बनी रहती थी जिसके कारण लोग नियमित रूप से झरने तक नहीं पहुँच पाते थे और उन्हें चोट लगने का डर रहता था इसलिए सर्वप्रथम स्टोन स्टैबलाईजेशन का कार्य कराया गया जिसमें गिरने वाले पत्थरों को लोहे के जाल से बांध दिया गया है। अब पत्थर गिरने की संभावना खत्म हो गयी है। ककोलत जलप्रपात तक पहुँचने के लिए सीढ़ी का निर्माण कराया गया है। झरने के नीचे वाले तालाब का पुनर्निर्माण कराया गया है और इसमें सीढ़ी भी बनायी गयी है ताकि लोग आसानी से इसमें उतरकर नहा सकें। ककोलत में पत्थरों को काटकर आकर्षक भव्य मुख्य द्वार, 6 कैफेटेरिया, सेल्फी प्वाइंट, प्रशासनिक भवन, शौचालय, टिकट काउंटर, लाउंज और पर्यटन सूचना केंद्र और पानी का कुंड आदि बनाया गया है। ऊपर तथा नीचे सीट आउट व महिलाओं तथा पुरुषों के लिए चेंजिंग रूम बने हैं।

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्यूरिफाई कर झरने का पानी पीने योग्य बनाकर जगह-जगह पर आकर्षक पहाड़ी स्वरूप में पेयजल व्यवस्था की गयी है। बच्चों के लिए चिल्ड्रेन जोन बना है, जिसमें पार्क, झूला, सीट आउट आदि की व्यवस्था है। पर्यटकों के लिए पार्किंग क्षेत्र, बैठने के लिए बड़ी संख्या में बेंच निर्माण एवं खाने-पीने के दुकानों का निर्माण कराया गया है। ककोलत के विकास से एक तरफ इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। ककोलत जलप्रपात में ईको टूरिज्म सुविधाओं एवं अन्य विकास कार्यों के चलते इसे लोगों के लिए बंद कर दिया गया था, अब यहाँ पर सभी ईको टूरिज्म सुविधायें विकसित हो चुकी है। मुख्यमंत्री द्वारा इसके लोकार्पण के पश्चात् सभी लोगों के लिए खोल दिया गया है। ककोलत के विकास को देखकर लोगों में खुशी का माहौल है।

इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बन्दना प्रेयषी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक क्षत्रनील सिंह, नवादा के जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा, नवादा के पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल सहित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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