पटना/सोनपुर, 30 नवम्बर 2025। विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला-2025 आज उस समय खास बन गया, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मैदान में उतरे और पूरे मेला परिसर का बारीकी से जायजा लिया। परंपरा, पर्यटन और तकनीक—तीनों के संगम पर खड़े इस मेले में मुख्यमंत्री ने न सिर्फ स्टॉल देखे, बल्कि कारीगरों, जीविका दीदियों और लाभार्थियों से सीधे संवाद भी किया।
कारीगरों ने सुनाई अपनी कहानी, सीएम ने सुनी हर बात
आर्ट एंड क्राफ्ट ग्राम, आपदा प्रबंधन विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम, जीविका—हर स्टॉल पर मुख्यमंत्री ठहरते रहे, उत्पादों को छूकर देखते रहे और उनके निर्माण की प्रक्रिया समझते रहे।
कारीगरों ने बताया कि कैसे सरकारी सहायता से उनके काम को नई उड़ान मिली है। जीविका दीदियों ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की मदद से मिली आर्थिक स्वतंत्रता का अनुभव साझा किया और सीएम के सामने कहा—
“आपने हमें आत्मनिर्भर ही नहीं, सम्मानित भी बनाया है।”
इसी मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए।
“मेला सिर्फ परंपरा नहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धड़कन है” — मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि मेला परिसर में सफाई, सुविधा और सुरक्षा—तीनों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा:
“सोनपुर मेला हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और हजारों छोटे व्यापारियों की रोज़ी-रोटी का भरोसा भी। स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान यहीं से मिलती है।”
इस बार बदली तारीखें, पर नहीं बदला उत्साह
कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होने वाला यह ऐतिहासिक मेला इस वर्ष विधानसभा चुनावों के कारण संशोधित तिथियों में आयोजित हो रहा है—
9 नवम्बर से 10 दिसम्बर 2025 तक।
गंगा और गंडक के संगम पर लगने वाला यह मेला हजारों साल पुरानी श्रद्धा, व्यापार और मनोरंजन का अनोखा संगम है।
यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है—जहाँ घोड़े, ऊँट, गाय, भैंस से लेकर तोता-मैना तक की खरीद-बिक्री होती है।
खेल, संस्कृति और उत्साह—रोज़ कुछ नया
हर दिन घुड़दौड़, कुश्ती, नौकायन और अन्य प्रतियोगिताएँ मेले को रोमांच से भर देती हैं।
संध्या में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थानीय कलाकारों को मंच देते हैं और दर्शकों को यादगार शामें।
सरकार की पूरी तैयारी, लोगों का बेहतरीन अनुभव लक्ष्य
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और पर्यटन विभाग मेला आयोजन में आर्थिक सहयोग दे रहे हैं।
सारण जिला प्रशासन सफाई, पेयजल, यातायात और सुरक्षा को लेकर विशेष चौकसी में है।
विभिन्न विभागों—ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा प्रबंधन, महिला एवं बाल विकास—के स्टॉल लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। केन्द्रीय संस्थान जैसे कोल इंडिया, खान मंत्रालय, SSB आदि भी प्रदर्शनी में शामिल हैं।
उच्चस्तरीय उपस्थिति
निरीक्षण के दौरान ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, कई विभागों के शीर्ष अधिकारी, दोनों जिलों (पटना व सारण) के डीएम-एसएसपी तथा प्रमंडलीय आयुक्त भी मौजूद रहे।



