छपरा 1 अगस्त 2024। बीते 17 जुलाई को छपरा के धानाडीह गाँव थाना रसूलपुर में एक ही परिवार के 3 सदस्यों की नृशंस हत्या चाक़ू से कर दी गयी थी जिसपर पुलिस अधीक्षक सारण के नेतृत्व में पूरी टीम ने अथक प्रयास और परिश्रम करते हुए, तत्काल 01 घंटे के अन्दर दोनों अपराधियों को मय सबूत गिरफ्तार किया और वैज्ञानिक तरीके से FSL के विशेषज्ञ द्वारा सबूत संकलन और अग्रतर अनुसंधान किया जा रहा था. इसी कड़ी में घटना के 14 दिनों के अन्दर इस जघन्य हत्याकांड में सारण पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण करते हुए कल 31 जुलाई को न्यायालय में चार्ज शीट भी दाखिल कर दिया है.
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सारण द्वारा विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश से त्वरित विचारण करने का अनुरोध भी किया जा रहा है. इस तिहरे हत्याकांड के अनुसंधान सम्बन्धी सभी अनिवार्यता पूर्ण करा ली गयी है. त्वरित विचारण से इसमें शीघ्रातिशीघ्र सजा दिलाने का प्रयास किया जायेगा.
वहीँ, मौके पर डॉ कुमार आशीष, पुलिस अधीक्षक सारण ने अपराध नियंत्रण में जन सहभागिता विषय पर कहा कि अपराधियों को सजा दिलाना अपराध की रोकथाम का सबसे कारगर तरीका है । सजा का डर अपराधियों को अपराध करने से रोकता है। अपराध किसी व्यक्ति मात्र के विरूद्ध नहीं बल्कि समाज एवं राष्ट्र के विरूद्ध किया जाता है। अत : अपराधियों के संबंध में पुलिस को सूचना देना तथा अपराधियों को सजा दिलाना समान के सभी व्यक्तियों का कर्त्तव्य है। ज्यादातर अपराधी पुलिस एवं न्यायालय में गवाहों के द्वारा गवाही नहीं देने के कारण दोषमुक्त हो जाते हैं।
अपराधियों के विरूद्ध पुलिस को सूचना देकर एवं उनके विरुद्ध गवाही देकर नागरिक, पुलिस एवं समाज की मदद कर सकते हैं। अपराधियों से खतरा होने की स्थिति में सुरक्षा के लिये गवाह को पुलिस से सम्पर्क करना चाहिये। उन्हें गवाही हेतु न्यायालय में उपस्थित कराने हेतु सभी तरह के सहयोग देने के लिए सारण पुलिस सदा आपके लिये तत्पर है।
उल्लेखनीय है की बिहार सरकार द्वारा *Witness Protection Scheme* लागू किया गया है। राज्य स्तर पर गवाह सुरक्षा कोषांग (State Witness Protection Cell) का गठन किया गया है। साथ ही जिला स्तर पर भी गवाह सुरक्षा कोषांग का गठन किया गया है। जिला स्तर पर सक्षम प्राधिकार का गठन जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया गया है। गवाह सुरक्षा योजना के अन्तर्गत गवाह अपनी सुरक्षा हेतु आवेदन जिला अभियोजन पदाधिकारी को समर्पित कर सकते हैं।
सुरक्षा आंकलन प्रतिवेदन (Threat Analysis Report) प्राप्त होने के 05 (पाँच) दिनों के अन्दर सक्षम प्राधिकार द्वारा गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आदेश पारित किया जाना है। आवश्यकतानुसार, तुरंत खतरा की स्थिति में सक्षम प्राधिकार द्वारा अन्तरिम सुरक्षा आदेश जारी किया जा सकता है। खतरे के आलोक में गवाह को व्यक्तिगत सुरक्षा, आवासीय सुरक्षा, पुननिर्वासन, सम्पर्क एवं पता परिवर्तन आदि की कार्रवाई आवश्यकतानुसार की जानी है। एसपी सारण ने इस अवसर पर अपील की है की अपराध रोकथाम और बेहतर विधि-व्यवस्था संधारण में आम जन सहयोग करें, सूचना दें , गवाही दें एवं सुरक्षित समाज निर्माण में भूमिका निभायें।