छपरा 18 दिसम्बर 2025। भोजपुरी लोकनाट्य के अप्रतिम शिखर पुरुष, ‘भोजपुरी के शेक्सपियर’ कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की 138वीं जयंती छपरा में गरिमामय और उत्सवी माहौल में मनाई गई। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान स्वयं छपरा स्थित भिखारी ठाकुर के पैतृक आवास पहुं जजचे और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रही और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।
जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता के समय देश की साक्षरता दर मात्र 17 प्रतिशत थी, जबकि आज साक्षरता का अलख गांव-गांव तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि गांवों में आज भी ऐसे लोग मिलते हैं जो औपचारिक रूप से शिक्षित नहीं हैं, लेकिन ज्ञान और समझ में बड़े-बड़े पढ़े-लिखों से कहीं आगे हैं। हमारी परंपराएं विश्वप्रसिद्ध हैं और साहित्य के माध्यम से उन्हें अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत किया गया है। भिखारी ठाकुर ने भी अपनी लोक परंपराओं और संस्कृति को साहित्य और लोकनाट्य के माध्यम से जीवंत किया और भोजपुरी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाई।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने राज्यपाल से भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की अनुशंसा करने की मांग भी उठाई, जिस पर समारोह स्थल तालियों से गूंज उठा।
जयंती समारोह के दौरान भिखारी ठाकुर के चर्चित लोकनाटक ‘गबर घिचोर’ का प्रभावशाली मंचन किया गया, जिसने दर्शकों को लोकसंस्कृति की गहराई और सामाजिक संदेश से जोड़ा।
कार्यक्रम में सारण जिला परिषद अध्यक्ष जय मित्र देवी, विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव, गरखा विधायक सुरेंद्र राम, सारण डीआईजी निलेश कुमार, प्रभारी जिलाधिकारी सह नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडे, एसएसपी सारण डॉ. कुमार आशीष सहित जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
इससे पूर्व भिखारी ठाकुर चौक पर प्रभारी जिलाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा भिखारी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। पूरे आयोजन ने छपरा को लोकसंस्कृति और साहित्य के रंग में रंग दिया।



