बिहार पुलिस का Dial 112 सेवा का आज दो वर्ष पूरा हो गया। इस अवसर पर बिहार पुलिस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की गई। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एडीजी एनके आजाद ने बताया कि आज डायल 112 के दो वर्ष पूरे हो गए। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सभी जरूरतमंदों को 20 मिनट में पुलिस की सहायता पहुंचे और हमने 1833 वाहनों से औसतन 20 मिनट में लोगों को सहायता उपलब्ध कराई। देश भर का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कंट्रोल सेंटर में शत प्रतिशत कॉल महिला पुलिसकर्मी के द्वारा रिसीव किया जाता है जबकि प्रतिदिन कॉल हैंडलिंग में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है।
उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर हमारा रेस्पोंस टाइम देश में सातवें स्थान पर है। एडीजी ने बताया कि डायल 112 के अंतर्गत हम इमरजेंसी में मेडिकल समेत अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। डायल 112 पर कॉल आते ही टीम के द्वारा क्विक रेस्पॉन्स दिया जाता है। एकल पुलिस हेल्प लाइन के तौर पर डायल 112 को विकसित किया गया है।
उन्होंने बताया कि दो वर्षो में हमने 20 लाख से अधिक लोगों को सुविधा दी है। साथ ही डायल 112 के शुरू होने के बाद राज्य में क्राइम कंट्रोल भी हुआ है। हम प्रतिदिन पांच हजार के करीब लोगों को सुविधाएं दे रहे हैं। अब बिहार पुलिस कॉलर से फीडबैक लेने की तैयारी कर रही है और लोगों के फीडबैक के आधार पर भी बेहतरी के लिए जरुरी बदलाव किया जाएगा।
बता दें कि दो वर्ष पूर्व डायल 112 की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। पहले चरण में डायल 112 की सुविधा जिला मुख्यालय में उपलब्ध था। दूसरे चरण में यह सुविधा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराई गई। डायल 112 की टीम के पास अभी राज्य में करीब 1833 वाहन है। शहरी क्षेत्रों में डायल 112 टीम में अब बाइक को भी शामिल किया गया है जो तंग गलियों में भी जा कर लोगों को सुविधाएं दे रहा है।