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पुल पुलिया गिरने के मामले में बिहार सरकार एक्शन में, 16 अभियंता सस्पेंड संवेदकों पर भी गिरी गाज

सरकार द्वारा कराए गये जाँच में लापरवाही उजागर होने के बखद जहाँ 16 अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया गया है जिनमें 11 जल संसाधन विभाग के हैं और शेष ग्रामीण कार्य विभाग के तो वही संवेदकों पर भी काली सूची में डालने से लेकर भुगतान स्थगित करने तक की कार्रवाई की गई है।

पटना 5 जुलाई 24‌।  बिहार के विभिन्न जिलों में विगत दिनों कुल 09 पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं, जिसमें से 06 पुल-पुलिया बहुत पुरानी थी एवं 03 पुल-पुलिया निमार्णाधीन थी। पुल पुलिया गिरने के मामले बिहार सरकार द्वारा व्यापक कार्रवाई की गयी है। सरकार द्वारा कराए गये जाँच में लापरवाही उजागर होने के बखद जहाँ 16 अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया गया है जिनमें 11 जल संसाधन विभाग के हैं और शेष ग्रामीण कार्य विभाग के तो वही संवेदकों पर भी काली सूची में डालने से लेकर भुगतान स्थगित करने तक की कार्रवाई की गई है।

जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि 3 और 4 जुलाई, 2024 को सिवान एवं सारण जिलों में छाड़ी/गंडकी नदी पर अवस्थित 06 अदद पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं। जल संसाधन विभाग के द्वारा गोपालगंज, सिवान एवं सारण जिलों से प्रवाहित होने वाले छाड़ी/गंडकी नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ-साथ नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के संयुक्त उद्देश्य से गंडक-अकाली नाला (छाड़ी)-गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना का कायार्न्वयन कराया जा रहा है। रु0 69.89 करोड़ की लागत राशि से इस योजना के तहत लगभग 170 कि0मी0 की लंबाई में 19 मीटर चैड़ाई तथा औसत गहराई 03 मीटर में गाद निकासी कार्य कराया जाना है। इस योजना को मार्च 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।

विभागीय उड़नदस्ता संगठन के द्वारा गये जांच के आलोक में यह पाया गया है कि कार्य के कायार्न्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं के द्वारा इस नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने हेतु एहतियातन कदम नहीं उठाया गया तथा समुचित तकनीकी पयर्वेक्षण नहीं किया गया। साथ ही कार्यकारी संवेदक के स्तर से भी लापरवाही बरती गयी। इन पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कायार्न्वयन से संबंधित दोषी जल संसाधन विभाग के कार्यालक अभियंताओं, सहायक अभियंताओं और कनीय अभियंताओं सहित कुल 11 अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है ई0 अमित आनन्द, कायर्पालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई0 कुमार ब्रजेश, कायर्पालक अभियंता, जल निस्सरण प्रमंडल, सिवान, ई0 राजकुमार, सहायक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई0 चन्द्रमोहन झा, सहायक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई० सिमरन आनन्द, सहायक अभियंता, जल निस्सरण प्रमंडल, सिवान, ई0 नेहा रानी, सहायक अभियंता, जल निस्सरण प्रमंडल, सिवान, मो0 माजिद, कनीय अभियंता, जल निस्सरण प्रमंडल, सिवान, ई0 रवि कुमार रजनीश, कनीय अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई0 रफीउल होदा अंसारी, कनीय अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई0 रतनेश गौतम, कनीय अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान, ई0 प्रभात रंजन, कनीय अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सिवान शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि आवागमन सुनिश्चित करने हेतु नये पुलों के शीघ्र निमार्ण एवं उक्त कायर् की स्वीकृति प्रदान किये जाने के लिए अविलम्ब प्राक्कलन उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य पुल निमार्ण निगम, पटना को निदेश दिया गया है। क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर नये पुलों का निमार्ण कायर्कारी संवेदक के खर्च पर किया जायेगा।

जल संसाधन निभाई ने कहा है कि गंडक-अकाली नाला (छाड़ी)-गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना के एकरारनामा के तहत् कायर्कारी संवेदक को किसी भी प्रकार का कोई भुगतान अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।

18, जून, 2024 को अररिया में पुलिया क्षतिग्रस्त हुआ हैं। ई0 निमर्ल कुमार, मुख्य अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, पूर्णिया की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय जांच दल का गठन कर क्षतिग्रस्त पुल की जांच कराई गयी है। क्षतिग्रस्त पुल के निमार्ण कार्य में कतर्व्यहीनता बरतने के फलस्वरूप ग्रामीण कार्य विभाग के ई0 अंजनी कुमार, तदेन कायर्पालक अभियंता, ई0 आशुतोष कुमार रंजन, वतर्मान कायर्पालक अभियंता वीरेन्द्र प्रसाद, तदेन कनीय अभियंता मनीष कुमार, वतर्मान कनीय अभियंता को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। संवेदक को काली सूची में दर्ज करने की कारर्वाई की जा रही है। संवेदक को किये गये भुगतान की वसूली बैठक के प्रावधानों के आलोक में की जा रही है एवं संवेदक के सभी कार्यो के लंबित भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। संबंधित डीपीआर के विरूद्ध भी कारर्वाई की जा रही है। पूर्व में किये गये कार्य का भुगतान एवं आगे नया कार्य किये जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। गठित जांच दल से अंतिम जांच प्रतिवेदन एवं जांचफल प्राप्त होने के उपरांत दोषी संवेदक के विरूद्ध बिहार ठेकेदार नियमावली के तहत कारर्वाई की जायेगी। साथ ही दोषी पदाधिकारियों पर भी कठोरतम कारर्वाई की जायेगी।

23, जून, 2024 को पूर्वी चम्पारण घोड़ासहन प्रखण्ड के पीएम एस एस 111 के अंतगर्त निमार्णाधीन पुल क्षतिग्रस्त हुआ हैं। क्षेत्रीय पदाधिकारी से प्राप्त सूचना के अनुसार असामाजिक तत्वों द्वारा पुल की शटरिंग के साथ निमार्णाधीन पुल को क्षतिग्रस्त किया जाना प्रतिवेदित है, जिसके संदर्भ में घोड़ासाहन पुलिस थाना में प्राथमिकी संख्या-279/24, दिनांक-23.06.2024 दर्ज करायी गयी है। स्थानीय पुलिस द्वारा इसमें प्राथमिकी के आधार पर कारर्वाई की जा रही है। 15 जून के बाद पुल का कार्य कराये जाने एवं निमार्ण कार्य के पयर्वेक्षण में कमी बरतने के कारण संबंधित कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता के विरूद्ध विधि-सम्मत निलंबन की कारर्वाई की जा रही है।

26, जून, 2024 को मधुबनी में निमार्णाधीन पुल का एक गाडर्र ध्वस्त हो गया हैं। अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य अंचल, मधुबनी की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय जांच दल का गठन कर क्षतिग्रस्त पुल की जांच कराई गयी है। कायर्पालक अभियंता, कार्य प्रमंडल, झंझारपुर एवं सहायक अभियंता कार्य अवर प्रमंडल, मधेपुर द्वारा संवेदक को जून के प्रथम सप्ताह में ही पुल निमार्ण कार्य मानसून के उपरांत किये जाने का निदेश दिया गया था। क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा दिये गये निदेशों की अवहेलना एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के कारण संवेदक से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। संवेदक द्वारा अपने रिस्क और कॉस्ट के आधार पर क्षतिग्रस्त गार्डर के स्थान पर नया गार्डर का निमार्ण किया जायेगा। निमार्ण कार्य के पयर्वेक्षण में कमी बरतने के कारण संबंधित कनीय अभियंता, पवन कुमार राम के विरूद्ध विधि-सम्मत कारर्वाई की जा रही है। गठित जांच दल से अंतिम जांच प्रतिवेदन एवं जांचफल प्राप्त होने के उपरांत दोषी संवेदक के विरूद्ध कठोरतम कारर्वाई की जायेगा।

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