पटना, 9 जुलाई 2024: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादले और पोस्टिंग को लेकर बड़ी हलचल है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस मामले पर जल्द बड़ा फैसला लेने का संकेत दिया है। विभाग द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय कमेटी 11 जुलाई को बैठक कर शिक्षकों के तबादले और सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों के पदस्थापन की रूपरेखा तैयार करेगी।
यह कमेटी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव वैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में गठित की गई है। कमेटी को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट में अनुकंपा नियुक्ति, अवकाश तालिका और बिहार शिक्षा सेवा के कैडर के पुनर्गठन जैसे मुद्दों पर भी सुझाव दिए जाएंगे। कमेटी की रिपोर्ट शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को सौंपी जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट की समीक्षा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह फैसला बिहार के लाखों शिक्षकों को प्रभावित करेगा।
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग शिक्षकों के तबादले में कई बदलाव करने पर विचार कर रहा है। नई नीति में अनुभव, योग्यता और कार्यकाल जैसे अर्हताओं को प्राथमिकता दी जा सकती है। यह भी संभावना है कि विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विशेष प्रावधान कर सकता है।
शिक्षक संगठनों ने विभाग से आग्रह किया है कि नई तबादला नीति पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
यह उम्मीद की जा रही है कि 11 जुलाई की बैठक में शिक्षकों के तबादले और पोस्टिंग को लेकर बड़ा फैसला होगा।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण के महत्वपूर्ण निर्णय का आयोजन पटना में 11 जुलाई को करने का निर्णय लिया है, क्योंकि शिक्षा विभाग ने इस उद्देश्य के लिए एक समिति गठित की है।
इस समिति का अध्यक्ष शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव वैद्यनाथ यादव है। यह समिति स्थानांतरण प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करेगी जिन शिक्षकों ने पात्रता परीक्षाएं पास की हैं। समिति को निर्णय परिषद के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के समीक्षा और अंतिम निर्णय लेने के लिए सौंपा गया है। यह निर्णय बिहार में लाखों शिक्षकों पर प्रभाव डालने की उम्मीद की जा रही है।
शिक्षा विभाग स्थानांतरण के मामले में विभिन्न परिवर्तनों का दौरा चला रहा है, जिसमें अनुभव, योग्यता और नौकरी की अवधि जैसे कारकों को प्राथमिकता दी जा रही है। व्यावसायिक क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी का समाधान करने के लिए साक्षात्कारिक कार्यवाही की भी संभावना है।
शिक्षक संगठनों ने नए स्थानांतरण नीति को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का अनुरोध किया है। आशा की जा रही है कि 11 जुलाई को निर्धारित बैठक में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदोन्नति के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।