छपरा में भोजपुरी लोकसंस्कृति के महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की 138वीं जयंती समारोह पूर्वक और उल्लासपूर्ण वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत शहर के प्रवेश द्वार तेलपा स्थित भिखारी ठाकुर चौक पर उनकी समाधियों के समीप स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस अवसर पर जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी, बिहार विधान पार्षद प्रो. वीरेंद्र नारायण यादव, सारण के प्रभारी जिला पदाधिकारी सुनील कुमार पाण्डेय, डॉ. लालबाबू यादव, डॉ. योगेन्द्र यादव, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष राजेंद्र राय, आरएलएम नेता अशोक कुशवाहा सहित कई गणमान्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
माल्यार्पण कार्यक्रम के दौरान शेखर सुमन, आर.जे. लक्ष्मी एवं अनीश अंकुर की टीम ने भिखारी ठाकुर के अमर गीतों पर आधारित भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। सैकड़ों श्रोताओं की उपस्थिति में तीनों कलाकारों को अंगवस्त्र एवं भिखारी ठाकुर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया, जिससे कार्यक्रम का उत्साह और बढ़ गया।
अपराह्न में भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह में “लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की प्रासंगिकता” विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय प्रवेश प्रो. लालबाबू यादव ने किया। इस अवसर पर डॉ. दिनेश पाल, रंगकर्मी व अधिवक्ता डॉ. अमित रंजन, रेडियो मयूर से अभिषेक अरुण, पत्रकार अजय कुमार गुप्ता, समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता, शिक्षिका सोनम मिश्रा, ज्योत्सना तथा डॉ. सुनील कुमार ने भिखारी ठाकुर के साहित्य, लोकनाट्य और सामाजिक सरोकारों पर अपने विचार साझा किए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सोनम मिश्रा की टीम ने भिखारी ठाकुर के चर्चित नाटक ‘विदेशिया’ पर आधारित भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को भावुक कर दिया। वहीं लोक गायक रामेश्वर गोप, शेखर सुमन, आर.जे. लक्ष्मी एवं अनीश अंकुर की प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को लोकसंस्कृति के रंग में रंग दिया।
समूचा आयोजन भिखारी ठाकुर की लोकचेतना, सामाजिक दृष्टि और सांस्कृतिक विरासत को याद करने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बना।



