नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद आज पहली बार ‘मन की बात’ की। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत के टी-20 विश्वकप जीतने की बधाई पूरे देश को दी और कहा कि आज पुरा देश ख़ुशी में डूबा हुआ है। उन्होंने रोहित शर्मा की कप्तानी और पूरी टीम को जीत की बधाई दी। उन्होंने सिद्धो कान्हू और आदिवासियों का प्रमुख त्यौहार हूल दिवस की चर्चा की और कहा कि आदिवासी भाई हमारे देश के एक प्रमुख जनजाति हैं।
30 जून का दिन हमारे भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को हमारे आदिवासी भाई हूल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन सिद्धो कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने देश में आदिवासी के योगदान की चर्चा करते हुए उनकी सराहना भी की। उन्होंने पेरिस ओलिंपिक में चयनती सभी खिलाडियों को भी शुभकामनाएं दी और कहा कि इस बार हमें अलग रोमांच नजर आएगा। हमारी टीम ने टी-20 विश्वकप जीता और हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी ओलंपिक में भी अपने देश का झंडा लहरायेंगे।
पीएम मोदी ने जलवायु और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक पेड़ मां के नाम लगाने का देशवासियों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में अगर सबसे अनमोल रिश्ता कोई है तो वह है मां बेटा का तो अपनी मां के नाम एक पेड़ अवश्य लगाएं। मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री ने केरल में निर्माण किये जाने वाले कार्थुंभी छाता का भी जिक्र किया और कहा कि मानसून आने से पहले लोग इसे ढूंढने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे केरल के अट्टापडी में कार्थुम्बी छाते तैयार किए जाते हैं। ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं। इन छातों को आदिवासी बहनें तैयार करते हैं। प्रधानमंत्री ने आल इंडिया रेडियो पर संस्कृत भाषा में अपने प्रोग्राम के पचास वर्ष पूरे होने की बधाई दी और कहा कि संस्कृत सभी भाषाओँ की जननी है। उन्होने बेंगलुरु के कप्पन पार्क की चर्चा की और कहा कि यहाँ लोग सप्ताह में एक दिन संस्कृत में बात करते हैं और संस्कृत में वाद विवाद का भी आयोजन किया जाता है। उन्होंने अमरनाथ यात्रा और जगन्नाथ यात्रा की भी शुभकामनाएं दी।