मेरठः विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के स्टूडेंट काउंसिल और लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज विभाग ने अलग-अलग भव्य एवं प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित कर आत्महत्या रोकथाम का संदेश दिया।
स्टूडेंट काउंसिल ने केरल वर्मा सुभारती विज्ञान कॉलेज के सहयोग से एमएमएम ऑडिटोरियम में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया, जो डॉ सरताज अहमद और डॉ श्वेता भारद्वाज के मार्गदर्शन में सफल रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ राहुल बंसल ने अपने प्रेरणादायी सत्र में छात्रों को सकारात्मक सोच, आस्था और आशा के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर “क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन” विषय पर एक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। निर्णायक मंडल में डॉ. अश्विनी कुमार एवं डॉ रविन्द्र कुमार जैन शामिल रहे। प्रतियोगिता में वैशाली ने प्रथम, विक्रम कुमार ने द्वितीय तथा प्राची शर्मा ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मोहम्मद शादाब एवं सोनी कुमारी को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वहीं, लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति गौर ने आत्महत्या से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने और संकट की घड़ी में सहायता लेने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों से अपने सहपाठियों के प्रति संवेदनशील रहने का आग्रह किया। प्रो (डॉ) मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि आत्महत्या रोकथाम के लिए संवाद और सामाजिक सहयोग अनिवार्य है। विशिष्ट अतिथि डॉ शालू नेहरा ने जीवन में सही दिशा के लिए काउंसलिंग के महत्व को समझाया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें महक शर्मा एवं श्रृष्टि ने भाषण, अंशु एवं आंचल ने पोस्टर, कार्तिक ने कहानी, विक्रम एवं मंजीत ने कविता तथा जयश्री ने नृत्य के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन समायरा ने किया।
कार्यक्रम के अंत में समन्वयक डॉ किरन रानी पंवार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभाग के संकाय सदस्य डॉ दुर्वेश कुमार, डॉ नियति गर्ग, डॉ अमृता चौधरी, डॉ दिनेश, डॉ. लवली, डॉ मोहिनी मित्तल, डॉ सरिता, एवं डॉ कपिल भी उपस्थित रहे। दोनों ही आयोजनों ने विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य और नैतिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को सशक्त किया।