नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष गहन मतदाता पुनरीक्षण का मुद्दा ले कर लगातार विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही आरोपों की झड़ी लगा रहा है। SIR के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को बिहार में वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की है। उधर दूसरी तरफ रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस वार्ता किया।
प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि इन दिनों चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया जा रहा है। जिन राजनीतिक दलों की शुरुआत ही चुनाव आयोग से निबंधन के बाद होती है भला हम उसके साथ पक्षपात क्या करेंगे। चुनाव आयोग के लिए न तो पक्ष है न विपक्ष, सब समकक्ष हैं।
उन्होंने SIR पर उठ रहे सवालों पर कहा कि चुनाव आयोग का यह संवैधानिक दायित्व है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची की शुद्धिकरण की जाए। हम दावा करते हैं कि न तो एक भी मतदाता का नाम कटेगा और न ही एक भी गलत लोगो का नाम जुटेगा। आज के समय में जो लोग चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहे हैं वह संविधान पर कुठाराघात है।
चुनाव आयुक्त ने साफ साफ शब्दों में कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए 1 सितंबर तक आपत्तियां ली जा रही हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति दूसरे के संबंध में गड़बड़ी की शिकायत करेगा तो उसे शपथ पत्र के साथ हलफनामा देना होगा। किसी अन्य व्यक्ति या राजनीतिक दल की शिकायत पर हम मतदाताओं को नोटिस जारी कर परेशान नहीं कर सकते हैं।
चुनाव आयोग पूरी निडरता के साथ अपने मतदाता के साथ खड़ा था, खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर भी जोरदार हमला किया और कहा कि जो राजनीतिक दलों ने शिकायत दर्ज कराई है वे एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल करें या फिर देश के मतदाताओं से माफी मांगें।