आईएएस संजीव हंस के यहां छापेमारी के क्रम में करोड़ों रुपए की अवैध चल-अचल सम्पत्ति तथा सुशासन सम्पोषित भ्रष्टाचारियों की लंबी श्रृंखला के पर्याप्त सबूत मिलने के बावजूद ईडी द्वारा संजीव हंस को गिरफ्तार नहीं किया जाना साबित करता है कि सीबीआई तोता है तो ईडी भाजपा का मैना है।
दो नंबर गुमटी स्थित अपने आवासीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता संजय केशरी ने कहा कि ईडी जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लालू यादव, अफजल अमानुल्लाह को गिरफ्तार कर लेती है तो संजीव हंस की गिरफ्तारी में ईडी के हाथ-पैर क्यों फूल रहे हैं। ईडी भाजपा का राजनीतिक हथियार के रूप में मैना की तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ईडी की समीक्षा करेगा कि छह हजार मामलों में सिर्फ पच्चीस मामले ही क्यों अंजाम तक पहुंचे हैं और पांच हजार नौ सौ पंचानवे मामलों में ईडी की खामोशी क्यों है।
केशरी ने कहा कि ईडी को अगर अपनी विश्वसनीयता बचानी है तो संजीव हंस के यहां छापेमारी में बरामद चल-अचल सम्पत्ति और तमाम सबूतों को पब्लिक डोमेन में लाना होगा अन्यथा एनसीपी (शरदचंद्र पवार) का तीव्र विरोध झेलने के लिए तैयार रहना होगा। संवाददाता सम्मेलन में महिला नेत्री संयुक्ता सिंह चौहान, सोनी सिन्हा, जूली शर्मा, शोभा देवी, संजीव वर्मा, बबलु गुप्ता एवं सदानंद भारती आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।