HomeRegionalBiharDRI ने हाथी दांत की तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा, 5.5...

DRI ने हाथी दांत की तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा, 5.5 किलोग्राम से अधिक एशियाई हाथी दांत जब्त

विश्व हाथी दिवस के अवसर पर, राजस्व खुफिया निदेशालय (डी.आर.आई.) पटना क्षेत्रीय इकाई (आर.यू.) ने एक महत्वपूर्ण अभियान चलाकर एशियाई हाथी दांत के अवैध व्यापार में शामिल चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए हाथी दांत के दो टुकड़े हैं जिनका कुल वजन 5,586.50 ग्राम है।

पटना 13 अगस्त 2024। विश्व हाथी दिवस के अवसर पर, राजस्व खुफिया निदेशालय (डी.आर.आई.) पटना क्षेत्रीय इकाई (आर.यू.) ने एक महत्वपूर्ण अभियान चलाकर एशियाई हाथी दांत के अवैध व्यापार में शामिल चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए हाथी दांत के दो टुकड़े हैं जिनका कुल वजन 5,586.50 ग्राम है।

यह हाथी दांत लुप्तप्राय एशियाई हाथी (एलिफस मैक्सिमस) से प्राप्त किया गया था, जिसकी काला बाज़ार में बहुत अधिक मूल्य होती है। इस अवैध मांग के कारण, कड़े वैश्विक और घरेलू प्रतिबंधों के बावजूद हाथी दांत का व्यापार अभी भी जारी है। हाथी दांत का जब्त किया जाना वन्यजीव अपराध के खिलाफ जारी लड़ाई में एक बड़ी सफलता है।

सूचना के आधार पर, डी.आर.आई. पटना आरयू के अधिकारियों ने बिहार के सिवान के बाहरी इलाके में यह ऑपरेशन शुरू किया। यह ऑपरेशन एक कुख्यात शिकारी गिरोह को निशाना बनाने के लिए किया गया था और इसके लिए अत्यधिक साहस और संसाधनशीलता की आवश्यकता थी। इस ऑपरेशन के दौरान डी.आर.आई. के अधिकारियों को मामूली चोटें भी आईं, लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ता और पेशेवर रवैये को बनाए रखा और चारों व्यक्तियों को, जिनमें ऑपरेशन का सरगना भी शामिल था, गिरफ्तार करने में सफल रहे।

डी.आर.आई. अधिकारियों ने वन विभाग, पटना और सिवान को सूचित किया और वन विभाग के अधिकारी इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए डी.आर.आई. के साथ समन्वय कर रहे हैं। भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, जो हाथी को अनुसूची-I के तहत संरक्षित प्रजाति के रूप में वर्गीकृत करता है, हाथी दांत के व्यापार को सख्ती से प्रतिबंधित करता है। वैश्विक समुदाय ने भी इस संरक्षण को मजबूत किया है, जिसमें एशियाई हाथी को CITES के परिशिष्ट-I में शामिल किया गया है, जिससे 1989 से हाथी दांत के सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लग गया है।

इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि अवैध वन्यजीव तस्करी, विशेष रूप से हाथी दांत का व्यापार, लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे कि एशियाई हाथी के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। जोखिम के बावजूद, डी.आर.आई. के अधिकारियों ने एक बार फिर वन्यजीव अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रति अपनी तत्परता एवं भारत के वन्यजीव संरक्षण कानूनों को लागू करने और वैश्विक संरक्षण प्रयासों में योगदान देने की अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

विश्व हाथी दिवस के अवसर पर यह सफल ऑपरेशन एक स्पष्ट संदेश देता है: हमारे देश के वन्यजीवों को खतरे में डालने वाली अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments