स्वास्थ्य भवन के सभागार में राज्य स्तरीय डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी) प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने किया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार राज्य में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन के उत्थान की दिशा में किये जा रहे प्रयासों में डीएनबी कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण स्थान है। मैं आशान्वित हूं कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर कर पाने में सफल होंगे। मैंने ही अपने पिछले कार्यकाल में इस परियोजना को हरी झंडी दी थी और आज मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता हो रही हैं कि हमारे राज्य के तीन जिला अस्पताओं (पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी और समस्तीपुर) और दो अति विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों (लोक नायक जय प्रकाश नारायण हड्डी रोग अस्पताल, पटना एवं मानसिक आरोग्यशाला, कोइलवर, भोजपुर) को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की मान्यता प्राप्त हो चुकी है और दस अन्य जिला अस्पताओं (औरंगाबाद, गोपालगंज, नालंदा, भोजपुर, मुंगेर, सारण, वैशाली, लखीसराय, रोहतास और बेगूसराय) के मूल्यांकन नेशनल बोर्ड द्वारा कर लिए गए है। मुझे आशा है कि शीघ्र ही इन संस्थानों में शिक्षण कार्य प्रारंभ हो जाएगा
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और बिहार राज्य सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेगी ताकि इस कार्यक्रम को और गुणवत्ता प्रदान की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यही सोच है कि हम जिला अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार कर सकें। पिछले सत्र में देश के राज्यों द्वारा किये गए सारे डीएनबी आवेदनों में 30 प्रतिशत आवेदन केवल बिहार राज्य से किये गए, जो अपने आप में बिहार राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार राज्य ने भी पिछले दो वर्षों में डीएनबी कि दिशा में योगदान करते हुए देश में अपना अग्रणी स्थान बना लिया है।
वर्तमान में 35 जिला अस्पतालों और तीन सुपर स्पेशलिस्ट अस्पतालों को इस परियोजना में शामिल किया गया है। 35 जिलों में जिला स्तर पर विभिन्न संकायों में किये जाने बाले आवेदन अलग-अलग चरणों में हो रहे हैं। 2023 के दोनों चरणों में हमने बिहार के 31 संस्थानों में सफल आवेदन करते हुए देश के अन्य राज्यों के समकक्ष अपना स्थान बना लिया हैं। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि 2023 में हमने पूरे राज्य में इस कार्यक्रम का विस्तार कर पाने में सफलता पाई है।
साथ ही पीएमसीएच पटना ने भी चार संकायों में क्छठ पाठ्यक्रम के लिए सफल आवेदन किया है। डीएनबी परियोजना के माध्यम से हम राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर कर पाने में सक्षम होंगे और जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी।इस परियोजना के कार्यान्वयन में हमे पीएचएफआई पटना और दिल्ली टीम का सहयोग प्राप्त होता रहा है। इस परियोजना को बीएमजीएफ का सहयोग मिलता रहा है। बिहार राज्य स्तरीय डीएनबी प्रशिक्षण कार्यशाला के इस अवसर पर बिहार राज्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, संजय कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य बिहार, शशांक शेखर सिन्हा विशेष सचिव स्वास्थ्य विभाग, सुहर्ष भगत, अधिशाषी निदेशक बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति, अनिल कुमार, परियोजना पदाधिकारी बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी समेत बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के राष्ट्रीय निदेशक देवेंद्र खंडैत एवं बिहार राज्य के सलाहकार हेमंत उपस्थित रहे।