कांग्रेस ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ- आरएसएस की शाखों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगा प्रतिबंध सही था, लेकिन उसे अब हटा दिया गया है।कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जय रमेश ने कहा, “फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।”
उन्होंने कहा, “1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था – और यह सही भी है। इस साल चार जून के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के बीच संबंधों में गिरावट आई है,तो 09 जुलाई को 58 साल बाद प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।”
गौरतलब है कि सरकार ने नौ जुलाई के एक आदेश से सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। इस आदेश में केंद्र सरकारों के द्वारा 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में संशोधन किया गया है, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे।