रिपोर्ट: धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय
सारण के मशरक के दुमदुमा के चतुर्भुजी नाथ मंदिर में सावनी मेला शुरु होने वाला हैं इस सावन की पावन महिने के पहली सोमवारी का शुभारंभ कल से होगा। सावन के पवित्र महिने में हर शिवालयों का महत्व बढ़ जाती है प्राय: सभी शिवालयों में साफ-सफाई से लेकर रंगाई पुताई एवं सजावटी लाइट सहित फुलमाले से सुसज्जित होना पूर्ण हो चुका हैं।
मशरक अवस्थित दुमदुमा चतुर्भुजीनाथ भगवान मंदिर को क्षेत्र के प्रमुख शिव मंदिर के रुप मे जाना पहचाना जाता है। अत्यंत पौराणिक एवं धार्मिक महत्व वाले इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुई है। यही कारण है कि सावन के अलावा हर महीने के तेरस प्रदोष को लोगों की भीड़ लगती है। अब इस सावन में यहां दूर दूर से हजारों लोग रोज पहुंचेंगे । सोमवारी पर यह भीड़ पूरी दिन बनी रहती है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर को भी इस इस साल विशेष रुप से देने का काम पूर्ण कर लिया गया है।
मंदिर के पुजारी उमेश गिरी ने बताया कि हमारी कई दिनों के मेहनत और लगन के साथ मंदिर कमिटी सदस्यों एवं सहायक पुजारी चन्द्रमा मिश्रा, राजेश्वर गिरी, मिन्टु गिरी के सहयोग से आज आने वाली सोमवारी को सजधज कर तैयार है । हर साल की भांति इस सावन के पहली सोमवारी सहित सावन भर मेला का भी आयोजन किया गया है । जिसमें हमारे मंदिर कमिटी के सदस्य और पुलिस प्रशासन के द्वारा पैनी नजर रखें जाएंगे।
वहीं अंचलाधिकारी सुमंत कुमार ने कहा कि सावन पर चतुर्भुजी नाथ मंदिर की व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर प्रखंड के प्रत्येक शिवालयों पर पुलिस बल सहित अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
श्रावणी मेले में इस वर्ष मंदिर विशेष दिखे इसके लिए मंदिर कमिटी के अध्यक्ष मुखिया प्रतिनिधि सत्येंद्र सिंह, सचिव शम्भू नाथ सिंह, कैशियर नागेन्द्र तिवारी, उपाध्यक्ष पंकज सिंह,, प्रवीण सिंह, राजेश सिंह सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार सिंह, सचिव उदय सिंह, शिवबहादुर सिंह, राजेंद्र सिंह उर्फ़ राजू सिंह, विजय सिंह शिक्षक के साथ सलाह मशविरा कर कई निर्णय लिए गये है जिस पर मंदिर के पुजारी सहित मंदिर कमिटी सदस्यों द्वारा तेजी से कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं।
भगवान चतुर्भुजीनाथ बाबा सबकी मुरादे करते है पूर्ण यहां भगवान चतुर्भुजी नाथ बाबा की कृपा भक्तों को मिलती है। प्रत्येक साल लाखों की संख्या में यहां शिव भक्त भगवान चतुर्भुजी नाथ को जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं सावन में रोज यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं सावन की सोमवारी और शिवरात्रि पर यह संख्या बहुत बढ़ जाती हैं। शिवभक्तो की भीड़ प्रशासन के लिए चुनौती के रुप में होती है। सावन में मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए महिला पुरुष के लिए अलग-अलग बैरिकेटिंग का व्यवस्था किया गया है।
डीएसपी अमरनाथ ,अंचलाधिकारी सुमंत कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय राय प्रखंड विकास अधिकारी पंकज कुमार के द्वारा मंदिर के कमिटी के सदस्यों को इस कार्य हेतु निर्देशित किया गया है। बैरिकेटिंग से महिला पुरुष अलग-अलग लाइन से होकर गर्भगृह तक पहुंचेंगे।
वहीं अंचलाधिकारी सुमंत कुमार ने बताया कि मशरक अंचल के दुमदुमा में सुप्रसिद्ध चतुर्भुजी नाथ मंदिर में सावन की सोमवारी एवं शिवरात्रि को जलाभिषेक की व्यवस्था में महिला बैरिकेटिंग में महिला पुलिस बल मुस्तैद रहेगी । सावन के अन्य दिनों को श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी वहीं सोमवारी और शिवरात्रि के दिन गर्भगृह में अनावश्यक प्रवेश पर रोक रहेगी। वहीं मंदिर के पुजारी उमेश गिरी ने बताया कि मंदिर का पौराणिक इतिहास बड़ेबुजुर्गो के द्वारा सुनने में आया है कि बहुत पहले अलुआ के खेत में एक विशाल शीशम का पेड़ था जिसे जमीन वाले ने शीशम के पेड़ के चारो तरफ मिट्टी का खुदाई कर रहा था कि कुदाल जाकर किसी बड़े आकार के पत्थर में टक्करा कर पत्थर के एक हाथ कटकर बाहर देख कर लोगों से कहता इससे पहले लोगों की भीड़ जमा हो कर खुदाई तो कर लिया गया मगर इधर से उधर टस से मस नहीं हुआ इस पर मशरक के कृति प्रसाद हाथी लाकर ले जाने की कोशिश किए मगर हिला तक नहीं और एक भुजा जो कुदाल से कटा था उसमें से खुन की फवारे निकलने लगा फिर सभी ग्रामीण और कृति प्रसाद ने निर्णय लिया कि यही क्यों न मंदिर का निर्माण करा दिया जाय फिर बाबा चतुर्भुजी नाथ के मंदिर का निर्माण हुआ और चार भुजा(हाथ)होने से बाबा चतुर्भुजी नाथ के नाम से आज तक यह मंदिर प्रसिद्ध है ।
मुख्य बात यह है कि आज भी वह भुजा कटा हुआ ही है जो सावन से लेकर हर माह में घोघारी नदी में जल बोझकर भगवान चतुर्भुजी नाथ मंदिर में जलाभिषेक करते है। आज से ही कंवरिया का जत्था मंदिर परिसर में जुटने लगे है ।उतर प्रदेश के देवरिया जिले से रत्नेश जयसवाल अपने साथियों के साथ पहली सोमवारी को घोघारी नदी से जलबोझकर बाबा चतुर्भुजी नाथ मंदिर में जलाभिषेक कर बाबा बैजनाथ धाम की यात्रा प्रारंभ करेंगे ।