उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने उपभोक्ताओ के बीच अरहर और उड़द की उपलब्धता बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित झारखंड में ख़रीफ़ में बेहतर बुआई पर एनसीसीएफ़ को निर्देश दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) को इस दिशा में तेजी से काम करने को कहा है। पिछले दो वर्षों में ऐल नीनो के प्रभाव से वर्षा की भारी कमी के कारण देश में अरहर और उड़द के पैदावार पर असर पड़ा है। किंतु मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक़ इस वर्ष बेहतर मानसून होने का अनुमान है जिस के कारण, ख़रीफ़ की फसलों, जैसे अरहर और उड़द में किसान बेहतर पैदावार ले सकेंगे।
खरे ने कहा है कि झारखंड में दलहन की अच्छी खेती की जा सकती है। झारखण्ड के तीन अरहर उत्पादक जिले पलामू, लातेहार और गढ़वा में पैदावार और गुणवत्तायुक्त खेती बढ़ाने के लिए किसानों को हर संभव मदद देने का निदेश दिया है। एनसीसीएफ से अरहर उगानेवाले किसानों को प्रोत्साहित करने और प्रशिक्षित करने को कहा गया है। इस क्रम में शुक्रवार को पलामू प्रमंडल के अरहर उत्पादन करने वाले 350 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही दलहन की मार्केटिंग के लिए एनसीसीएफ के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई।
किसानों को उत्पाद की सही कीमत और बाजार के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में शामिल कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को वैज्ञानिक खेती के उपाय बताए। प्रशिक्षण के उपरांत किसानों के बीच बीज का वितरण भी किया गया। एनसीसीएफ ने पायलट चरण में तुअर बीज उत्पादन शुरू करने के लिए किसानों और केंद्र, राज्य और जिला प्रशासन के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। सेमिनार में तुअर बीज उत्पादन स्थलों की पहचान करने और किसान समूह बनाने में राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के साथ काम करने की एनसीसीएफ की रणनीति पर चर्चा हुई। उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में उन्नत बीज किस्मों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। तुअर की खरीद के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों (एफएक्यू) पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान बाजार की मांगों को कुशलतापूर्वक पूरा कर सकें।