अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के शल्य तंत्र विभाग ने महर्षि सुश्रुत की जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सौश्रुतम् 2014 का आयोजन किया जिसमें 25 प्रत्यक्ष जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि यह संगोष्ठी 13 जुलाई को आरंभ हुई थी, जो आज संपन्न हो गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर संदीप कुमार उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। पद्मश्री प्रोफेसर मनोरंजन साहू और प्रोफेसर अनुराग श्रीवास्तव तथा अन्य जाने माने चिकित्सक भी संगोष्ठी में शामिल हुए।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रो (डॉ) तनुजा नेसरी ने बताया कि दो दिनों में, 25 प्रत्यक्ष जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। प्रत्यक्ष शल्य चिकित्सा कार्यशालाओं के दौरान भगंदर (फिस्टुला-इन-एनो), अर्श (बवासीर), पिलोनिडल साइनस, पित्ताशय की पथरी, हार्निया आदि के रोगियों पर वीएएएफटी, लेप्रोस्कोपी तथा लेजर जैसी नई तकनीकों तथा पारंपरिक शल्य विधियों का उपयोग करके ऑपरेशन किए गए। पिछले एक वर्ष में, एआईआईए की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से लगभग 1500 रोगियों को लाभ मिला है।
शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान चिकित्सक सुश्रुत के सम्मान में हर साल 15 जुलाई को सुश्रुत जयंती मनाई जाती है। कार्यक्रम के लिए 160 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें विषय विशेषज्ञ, रेजिडेंट डॉक्टर, सर्जन और संकाय सदस्य शामिल थे।