HomeDhruv Cornerध्रुव कार्नर: मदार के फूल - ध्रुव नारायण गुप्त

ध्रुव कार्नर: मदार के फूल – ध्रुव नारायण गुप्त

लोकप्रिय वेब पोर्टल पर बिहार के सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस, देश के प्रसिद्ध कथाकार, कवि, साहित्यकार श्री ध्रुव नारायण गुप्त के फेसबुक वाल की अभिव्यक्तियों को संकलित करने का लघु प्रयास कर रहें, इसी कड़ी में प्रस्तुत है सड़कों के किनारे अनायास उगने वाले आक अकवन मदार के पौधों पर आपकी दृष्टि…… प्रकृति, भारतीय चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक चिंतन कआ अद्भुत चित्रण।

श्री ध्रुव नारायण गुप्त
आदरणीय श्री ध्रुव नारायण गुप्त सम्प्रति देश की सबसे बड़ी स्व-नियामक इकाई “वेब जर्नलिस्ट्स स्टैंडर्ड ऑथोरिटी” (वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया) के मानद वरिष्ठ आईपीएस सदस्य हैं। – संपादक

“सड़कों के किनारे अनायास उग आए आक, अकवन या मदार के पौधे आमतौर पर हमारे भीतर डर का भाव पैदा करते हैं। इस पौधे की शाखाओं से निकलने वाला सफेद द्रव्य विष माना जाता है जिसके स्पर्श से आंखों की रोशनी जा सकती है। यह विष चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एक कारगर औषधि भी है। चिकित्सीय देखरेख में अल्प मात्रा में इसका सेवन कई गंभीर व्याधियों की अचूक दवा है। इस पौधे के औषधीय गुणों के कारण पुराणों में इसमें विघ्नहर्ता गणेश का वास बताकर इसे सुरक्षित करने का प्रयास हुआ है। मदार के पौधों की दो मुख्य प्रजातियां होती हैं – श्वेतार्क और रक्तार्क। श्वेतार्क के फूल सफेद जबकि रक्तार्क के फूल गुलाबी और बैंगनी आभा लिए होते हैं। मदार के पौधों की सबसे बड़ी खूबसूरती इनके फूल ही होते हैं। गुच्छों में खिलने वाले मोटी पंखुड़ियों वाले ये रंग-बिरंगे फूल प्रकृति के कुछ सबसे खूबसूरत फूलों में एक हैं। यह और बात है कि लोग डर के मारे इसके अपारंपरिक सौंदर्य को महसूस नहीं करना चाहते। कभी आते-जाते सड़क के किनारे किसी बेतरतीब झाड़ी में ये फूल कहीं दिख जाएं तो आप थोड़ी देर ठहरिए। बिना स्पर्श किए इनके सौंदर्य को देखिए और महसूस करिए। जादुई और स्वप्निल, लेकिन निर्वासित और उपेक्षित सौदर्य। शायद यही वजह है कि उपेक्षितों के देवता शिव को मदार के ये फूल प्रिय हैं – मंदार हाराय नमः शिवाय। इन फूलों के बगैर शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। प्रकृति के देवता गणपति और वनवासी हनुमान की पूजा में भी मदार के फूल ही चढ़ाए जाते हैं।”

“सड़क पर आते-जाते इन फूलों से कभी- कभार मेरी मुलाकात और बातचीत हो जाती है। सावधानी से तोड़े गए इस विलक्षण फूल की एक तस्वीर आपके लिए – आप सुनिए तो दिल का दर्द कहूं / जहर का फूल हूं, पर फूल तो हूं !”

फेसबुक वाल से साभार।

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