राज्य की सभी विद्यालयों में 50 हजार रूपये तक के कार्य प्रधानाध्यापक के स्तर से कराया जायेगा। इसके लिए सभी विद्यालय के बैंक खाते में हमेशा पचास हजार रुपया उपलब्ध रहेगा। मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अपर सचिव सह बजट पदाधिकारी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) को पत्र लिख कर अवगत कराया है। शिक्षा विभाग से जारी पत्र के अनुसार सभी विद्यालयों में बल्ब, पंखा, शौचालय एवं नल, सबमर्सिबल एवं पाइप, ओवरहेड टैंक, खिड़की किवाड़ इत्यादि की मरम्मति प्रधानाध्यापक के स्तर से कराया जाएगा। इसके साथ ही ब्लैकबोर्ड की समय समय पर रंगाई एवं मरम्मति, बेंच-डेस्क, टेबल, अलमारी, किचेन सामग्री, प्रयोगशाला सामग्री, विद्यालय में लगे वैसे कंप्यूटर जिसका एएमसी नहीं है, स्कूल के छत, फर्श इत्यादि की मरम्मति कार्य भी प्रधानाध्यापक के स्तर से कराया जाएगा। साथ ही विद्यालय परिसर में जलजमाव एवं साफ सफाई के लिए भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक जिम्मेवार होंगे। इन कार्यों के लिए विद्यालय के बैंक खाते में हमेशा पचास हजार रूपये की उपलब्धता जिला शिक्षा पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे।
जारी पत्र के अनुसार अगर किसी विद्यालय में किसी कार्यवश रूपये उपयोग कर लिए गए हैं तो प्रधानाध्यापक मूल विपत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करेंगे जिसकी सत्यापन के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी उतनी राशि फिर से स्कूल के खाते में जमा करवाएंगे। मूल विपत्रों पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक के साथ ही वरीयतम शिक्षक का हस्ताक्षर आवश्यक होगा। इसके लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिक्षा विभाग ने राशि आवंटित कर दी है। वहीं अपर मुख्य सचिव ने एक सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर विद्यालयों में असैनिक निर्माण कार्य जल्दी शुरू करवाने का निर्देश दिया है। इसके काम के लिए अगस्त में ही पत्र लिख कर सभी समिति की बैठक कर योजना बना कर उस निर्माण कार्य करने का निर्देश जारी किया गया था।
बिहार शिक्षा योजना परिषद् ने पत्र लिख कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी विद्यालयों में ई शिक्षा कोष पर पूर्व में प्रतिवेदित मुलभुत सुविधाओं से संबंधित सारी चीजें विद्यालय में पूर्ण करने का निर्देश दिया है। इन मुलभुत सुविधाओं में शौचालय की सुविधा और उसका निर्माण, पेयजल की सुविधा, रसोईघर का निर्माण, विद्युतीकरण, बेंच डेस्क, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय एवं प्रयोगशाला के उपयोग की सामग्री, विद्यालय के नए भवन इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि की अधिसीमा और क्रियान्वयन का स्तर भी निर्धारित कर दी है। राशि की अधिसीमा के तहत पचास हजार रूपये तक के कार्य प्रधानाध्यापक के स्तर से किया जायेगा जबकि पचास हजार से पचास लाख रूपये तक के कार्य जिला शिक्षा पदाधिकारी निविदा के माध्यम से करवाएंगे जबकि उससे अधिक राशि के योजनाओं का क्रियान्वयन बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (BSEIDC Ltd) के माध्यम से कराया जाएगा।