लोगों ने एमएलसी से कहा साहब यहां सरकारी कर्मचारी की जगह लठैत वसूलते हैं राजस्व
Reported by: Rakesh Kumar Yadav
बेगूसराय 16 जुलाई 2024: मंगलवार को बेगूसराय -खगड़िया क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ राजीव कुमार मिथिला प्रसिद्ध झमटिया गंगा घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद आम नागरिकों एवं श्रद्धालुओं से सरकारी स्तर पर मुहैया की जाने वाली सुविधाओं का आकलन किया।
वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने विधान पार्षद को बताया कि झमटिया गंगा घाट पर मिथिलांचल के सभी जिलों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, जयनगर सहित आसपास के इलाके के हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ प्रति दिन जुटती है। हिन्दू धर्म के शुभ दिवसों पर यह भीड़ कोई गुणा बढ़ जाती है। खास कर सावन माह के सोमवारी को लगने वाली भीड़ के कारण यहां सुल्तानगंज सा नजारा उत्पन्न हो जाता है। प्रति दिन श्रद्धालुओं के भीड़ व मेले से सरकार को प्रति वर्ष लगभग डेढ़ करोड़ रुपए राजस्व की उगाही होती है। इसके बाद भी श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु सरकारी सुविधा के नाम पर सीढ़ी के अलावा कुछ नहीं है।
स्थानीय लोगों ने विधान पार्षद से मांग किया की वे अपने कोष से अतिरिक्त सीढ़ी का निर्माण कराने की दिशा में सकारात्मक पहल करने की मांग की। जिससे सावन में लगने वाली श्रद्धालुओं के बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल सके। इसके अलावा धाट पर महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए सुरक्षित स्थान का निर्माण करने व झमटिया घाट पर विवाह भवन का निर्माण कराने की मांग भी मजबूती से किया। लोगों ने उन्हें बताया कि विवाह भवन के निर्माण हेतु यहां जमीन भी चिन्हित कर लिया गया है। बस अब सिर्फ फंड की कमी के कारण यहां विवाह भवन का निर्माण नहीं कराया जा सका है। साथ हीं
लोगों ने उन्हें बताया कि राजस्व की सरकारी उगाही में भी लाखों रुपए की घपलेबाजी होते हैं। सैरात वसूली के लिए जब सालाना बन्दोवस्त के माध्यम से वसूली का जिम्मा निजी हाथों में सौंपा जाता था, तब सरकार को सालाना आय लगभग डेढ़ करोड़ था। कोरोना के बहाने बेगूसराय के भुमि सुधार उपसमाहर्ता ने इस वसूली को विभागीय कर दिया। इसके बाद से लगातार सरकारी राजस्व वसूली में बड़े पैमाने पर गोलमाल किया जाता है।
झमटिया घाट मेला के राजस्व वसूली में अनियमितता को लेकर पुर्व के अंचलाधिकारी नेहा कुमारी को निलंबित कर दिया गया था। वर्तमान में सैरात वसूली में बड़े पैमाने धांधली की जाती है। कहने को तो यहां कागजी तौर पर अंचल के राजस्व कर्मचारी के द्वारा सैरात वसूली होती है। मगर जमीनी हकीकत यही है कि यहां स्थानीय गुंडे किस्म के लोगों को मंथली रेट पर घाट को बेच दिया जाता है। राजस्व कर्मचारी को उनका हिस्सा मिल जाता है और शेष स्थानीय लठैतों के द्वारा आपस में बांटा जाता है। साथ हीं लोगों ने इस पर अंकुश लगाने की मांग विधान पार्षद से की।
इस पर विधान पार्षद ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु जल्द ही फंड मुहैया कराने का अश्वासन दिया। साथ हीं सरकार स्तर पर सवाल उठाकर यहां जारी अनियमितता को भी जल्द दुर करने की बात कही। मौके पर विधान पार्षद प्रतिनिधि विनोद कुमार मिश्र उर्फ गोरे बाबा, वार्ड सदस्य रंजीत डाॅन, दिग्गज कुमार राय, राजीव यादव, राम शोभित राम, सतीश कुमार, शुभम पटेल, विक्की यादव, सुरज पटेल आदि लोग मौजूद थे।