जब से डॉ एस सिद्धार्थ ने राज्य के शिक्षा विभाग की कमान संभाली है बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर शिक्षा कर्मियों के आवेदन, भुगतान समेत अन्य आवेदनों का ससमय संधारण और पंजीकरण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से लिखा है कि उच्च स्तरीय जांच में यह पाया गया है कि मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन भुगतान एवं सेवांत लाभ के आवेदनों को लंबित रखा जाता है और एक ही बार में उसे संधारित किया जाता है।
लंबे समय तक ये आवेदन कार्यालयों में पड़े रहते हैं लेकिन इसे विभिन्न कारणों से लंबित रखा जाता है जो कि Pick and Choose कर संदेहास्पद कारणों से मामलों को निष्पादित करने का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस प्रकार के आवेदनों का पंजीकरण संबंधित प्रखंड शिक्षा कार्यालय में करना शुरू करें। प्रखंड शिक्षा कार्यालयों में आवेदनों के संधारण और पंजीकरण के बाद उसे जिला शिक्षा पदाधिकारी या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे और वहां भी उसका पंजीकरण अवश्य करें।
इन आवेदनों का निष्पादन जिला शिक्षा कार्यालय के स्तर पर फर्स्ट कम फर्स्ट आउट के आधार पर करना सुनिश्चित करें। अगर किसी कारण से आवेदन का क्रम भंग होता है तो उसका कारण रजिस्टर में लिखना आवश्यक होगा। इस निर्देश का अनुपालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही एसीएस ने शिक्षा कर्मियों को भी निर्देश दिया है कि वे अपने आवेदन सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा नहीं करेंगे बल्कि वे अपने संबंधित प्रखंड शिक्षा कार्यालय में जमा करेंगे साथ ही जरूरत पड़ने पर सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आवेदक के साथ फोन पर बात कर सकते हैं।
इसके साथ ही एसीएस ने जिला शिक्षा अधिकारी को एक अन्य आदेश के तहत बताया है कि अक्सर शिकायतें मिलती है कि शिक्षा कर्मी, संविदा कर्मी का वेतन बगैर किसी समुचित कारण के लंबे समय तक लंबित रहता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि सभी शिक्षा कर्मियों का वेतन भुगतान हर महीने के आठ तारीख तक करना सुनिश्चित करें। आवंटन की अनुपलब्धता के अतिरिक्त अगर किसी भी कारण से भुगतान लंबित रखा जाता है तो राशि भुगतान तक लंबित राशि पर ब्याज समेत भुगतान की जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होगी। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि अगर भुगतान का आवंटन नहीं है तो फिर संबंधित निदेशालय एवं विभागीय बजट शाखा से संपर्क कर आवंटन सुनिश्चित करेंगे ताकि भुगतान ससमय किया जा सके।