बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना द्वारा सेवा भारत संस्थान के सहयोग से खादी बोर्ड परिसर में एक दिवसीय जेंडर सेंसिटिविटी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य जेंडर सेंसिटिविटी और इसके महत्व पर जागरूकता बढ़ाना था। इस कार्यशाला में कार्यस्थल पर होने वाली जेंडर केंद्रित समस्याओं के प्रमुख बिंदुओं जैसे समाजीकरण, कार्यस्थल पर यौन शोषण, POSH एक्ट, यौन हिंसा से बचाव एवं कार्यवाही पर प्रकाश डाला गया। इस वर्कशॉप में बोर्ड एवं खादी मॉल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। वर्कशॉप का संचालन सेवा भारत की स्टेट कोऑर्डिनेटर सुष्मिता गोस्वामी द्वारा किया गया। जिसमें उन्होंने पूरे संवेदनशीलता और गहरी समझ के साथ प्रतिभागियों से बात-चीत की।
वर्कशॉप के दौरान, जेंडर सेंसिटिविटी की अवधारणा, इसके कार्यान्वयन के तरीके और समाज में इसकी प्रासंगिकता पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञ वक्ता ने जेंडर समानता को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक नीतियों और कार्यप्रणालियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर, प्रतिभागियों को जेंडर सेंसिटिविटी के महत्व और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) द्वारा निर्मित एक जेंडर विशेष फ़िल्म भी दिखाई गई।
इस संबंध में, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि इस वर्कशॉप का उद्देश्य न केवल जेंडर सेंसिटिविटी के प्रति जागरूकता फैलाना था, बल्कि इसे व्यावसायिक और सामाजिक संदर्भों में लागू करने के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करना भी था। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए, ताकि कार्यबल में एक दूसरे के प्रति सम्मान और समानता की भावना विकसित हो। ऐसे आयोजनों से कर्मचारियों में संवाद और लैंगिक समानता की समझ प्रबल होगी, जिससे वे कार्यस्थल पर बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे। कार्यक्रम के अंत में, प्रतिभागियों ने इस तरह की वर्कशॉप की आवश्यकता और इससे मिले ज्ञान के प्रति अपने उत्साह को व्यक्त किया।