HomeRegionalBiharमुआवजा अब हक़, इंतज़ार नहीं, बिहार में सड़क हादसों के पीड़ितों को...

मुआवजा अब हक़, इंतज़ार नहीं, बिहार में सड़क हादसों के पीड़ितों को सबसे तेज़ न्याय और मुआवजा

मुआवजा अब हक़, इंतज़ार नहीं, बिहार में सड़क हादसों के पीड़ितों को सबसे तेज़ न्याय और मुआवजा। दावा न्यायाधिकरण से लेकर विशेष आवेदन तक, नीतीश सरकार ने हादसा पीड़ितों को दिया त्वरित न्याय का भरोसा। 5,830 पीड़ितों को त्वरित राहत, सरकार ने तय किया एक साल में शत-प्रतिशत समाधान का लक्ष्य

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि शासन केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं होता, बल्कि जनता के सुख-दुख को समझना और उन्हें राहत देना भी है। एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार द्वारा दी गई ताज़ा जानकारी के अनुसार, पिछले डेढ़ सालों में ‘हिट एंड रन’ के 1626 मामलों में 84.19 करोड़ रुपये का मुआवजा पीड़ित परिवारों को दिया गया है। यह केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि उन हजारों परिवारों के जीवन में राहत की कहानी है, जो सड़क दुर्घटनाओं के बाद आर्थिक और सामाजिक संकट से जूझते हैं।

मुआवजा अब हक़, एहसान नहीं

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने इस सोच को मज़बूती दी है कि सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा किसी ‘राहत पैकेज’ की तरह नहीं, बल्कि उनके हक़ के रूप में मिलना चाहिए। अब तक अधिकतम 12 महीनों में ही 5,830 मामलों में मुआवजा तुरंत दिया जा चुका है, जबकि शेष मामलों को अगले एक वर्ष में निपटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं पिछले डेढ़ साल में 1626 मामलों 84 करोड़ 19 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। यह लक्ष्य अपने आप में बिहार सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, एक ऐसी प्रतिबद्धता, जो केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीनी कार्रवाई में नज़र आती है।

न्याय के लिए तैयार तंत्र, हर थाने में सुविधा

2005 से पहले बिहार में न तो दुर्घटना पीड़ितों को समय पर इलाज मिलता था और न ही मुआवजा। लेकिन आज तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में राजधानी पटना से लेकर दरभंगा, गयाजी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और सहरसा तक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) की स्थापना की गई है। इन न्यायाधिकरणों के माध्यम से गंभीर रूप से घायल पीड़ितों को 50 हजार रुपये, जबकि मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, आम लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश के हर थाने में आवेदन फार्म की व्यवस्था भी की गई है, जिससे मुआवजे के लिए अब किसी को भटकना नहीं पड़ता।

मानवता की राह पर सरकार

बिहार अब सड़क, पुल और कानून व्यवस्था के साथ-साथ मानवीय संवेदना के क्षेत्र में भी अग्रणी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता स्पष्ट है, विकास केवल इमारतों और सड़कों से नहीं मापा जाएगा, बल्कि इस बात से कि राज्य अपने सबसे कमजोर, वंचित एवं जरुरतमंद जनता के साथ कितनी तेजी और संवेदनशीलता से खड़ा होता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments