बिहार में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) पांव पसारने लगा है। कोरोना मरीज और उनके परिजन इसकी दहशत से सहमे हुए हैं। कोरोना को मात देने वालों में इसका अटैक देखने को मिलता है। कोरोना से स्वस्थ होने के बाद यानी पोस्ट कोविड मरीज इस बीमारी के शिकार होते हैं। इसके अलावा कैंसर, किडनी रोगी और अंग प्रत्यारोपण करा चुके कोरोना संक्रमितों के लिए यह काफी घातक है। शुरुआती समय में इसमें नाक के रास्ते में काला फंगस जैसा हो जाता है। अगर शुरुआती समय में ही इसकी पहचान न हो तो इससे जान बचना मुश्किल हो जाता है।
स्वास्थ्य महकमा ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। आईजीआईएमएस, पटना एम्स, और पीएमसीएच में अलग से ब्लैक फंगस वार्ड बनाए गए हैं। एम्स और पीएमसीएच में एक-एक, आईजीआईएमएस में तीन और पारस अस्पताल में लक्षण वाले एक मरीज मिले हैं। इस तरह पटना के निजी और सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस वाले मरीज बढ़कर 32 हो गए हैं।
बिहार में ब्लैक फंगस बीमारी से बेतिया के जीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यूएस पाठक की मौत हो गई है। इलाज के लिए उन्हें पटना के रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सोमवार की देर संध्या इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। बताया गया कि बीते 14 अप्रैल को वह बेतिया मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान कोरोना के शिकार हुए थे। कोरोना को उन्होंने मात दे दिया और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। हालांकि इसके बाद उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर पटना के रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनका दाहिना आंख निकाल देने के बाद भी उनके शरीर में कई अंगों ने अपना काम करना बंद कर दिया और सोमवार की देर संध्या उनकी मौत हो गई।
फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा एंबिसम इंजेक्शन
कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कई जरूरी कदम उठाए हैं। इस संक्रमण में जरूरी इंजेक्शन और दवाओं की सप्लाई बढ़ा दी गई है।
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस के केस बढ़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जल्द से जल्द एंबिसम (लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी) इंजेक्शन की आपूर्ति का आदेश दिया है। ये इंजेक्शन निजी अस्पतालों को भी फ्री में उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की एक समिति अस्पताल में मांग संबंधी जरूरी डॉक्यूमेंट देखने के बाद इसका अप्रूवल देगी। स्वास्थ्य विभाग में विशेष ड्यूटी अधिकारी कुमार रवि ने कहा कि सरकार की ओर से इंजेक्शन की आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल सलाह के अनुसार, यह इंजेक्शन गंभीर फंगल इंफेक्शन के इलाज में बेहद प्रभावी है।
ब्लैक फंगस के मुख्य लक्षण
म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड इफेक्ट है, जो कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को अपना शिकार बनाता है। एम्स पटना में ईएनटी विभाग की अध्यक्ष डॉ. क्रांति भावना ने बताया कि इसका सबसे अधिक खतरा डायबिटीज के उन मरीजों के लिए है जिनको इलाज के दौरान अनियंत्रित स्टेरॉयड और दवाइयां दी गईं हैं।
हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों में मुख्यतः साइनस की परेशानी, नाक में दर्द और नाक का बंद हो जाना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में समस्या होना एवं बुखार होना मुख्य लक्षण हैं।
by: Harshvardhan Singh