53वें इफ्फी में कोस्टा रिका की फिल्मकार वेलेंटीना मौरेल की स्पेनिश फिल्म ‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ ने गोल्डन पीकॉक जीता
मेगास्टार चिरंजीवी को इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड 2022 से नवाजा गया
‘हमारा लक्ष्य भारत में उत्कृष्ट फिल्मांकन परिवेश और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप उद्योग का निर्माण करना है’: सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर
53वें इफ्फी में स्पेनिश फिल्म निर्देशक कार्लोस सौरा को सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया
जब पहले-पहल भारत में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया, तो एक प्रश्न जो अक्सर पूछा जाता था: इस उत्सव का उद्देश्य क्या है, यह किस प्रयोजन को पूरा करेगा? इसके उत्तर के दो भाग थे: पहला, फिल्म महोत्सव जिस देश में आयोजित होता है, वह वहां के दर्शकों को महोत्सव में भाग लेने वाले सभी फिल्म-निर्माता देशों में निर्मित बेहतरीन फिल्में देखने में सक्षम बनाता है; दूसरा, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव प्रतिभागी देशों के मोशन-पिक्चर उद्योगों में संलग्न लोगों को आपस में मिलने तथा समान सरोकारों के बारे में चर्चा करने, कला के इस स्वरूप के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में नोट्स की तुलना करने और भावी विकास की योजना बनाने का अवसर प्रदान करता है”।
अब, जबकि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, इफ्फी के 53वें संस्करण का समापन हो रहा है, तो हम 1952 में, तत्कालीन बम्बई में आयोजित इफ्फी के पहले संस्करण की आयोजन समिति के अध्यक्ष सी. एम. अग्रवाला के उपरोक्त कथन को याद कर रहे हैं। उन्होंने यह बात 24 जनवरी, 1952 को दिए गए अपने स्वागत भाषण के दौरान कही थी।
गोवा में तलेगाओ के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में आज, 28 नवम्बर, 2022 को 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भव्य समापन हुआ।
सर्वोत्कृष्ट का सम्मान

इस महोत्सव की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार स्पेनिश फिल्म टैंगो सुएनोस इलेक्ट्रिक /आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स ने जीता है। ज्यूरी के अनुसार यह एक ऐसी फिल्म है जिसमें सिनेमा के वर्तमान और भविष्य को पर्दे पर पेश किया गया है। कोस्टा रिका की फिल्मकार वेलेंटीना मौरेल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में 16 वर्षीया लड़की ईवा के वयस्क होने का अद्भुत चित्रण किया गया है। यह केवल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से संबद्ध नहीं है, बल्कि यह एक अत्यंत गहन प्रक्रिया है,जो अक्सर व्यक्ति को अंदर से एक तरह से पूरी तरह तोड़ सकती है।
ईरानी लेखक और निर्देशक नादेर सैइवर को “नो एंड” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के सिल्वर पीकॉक से सम्मानित किया गया है। यह फिल्म ईरान की प्रतिगामी सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था का चमत्कारिक और सूक्ष्म चित्रण है। ईरान की खुफिया पुलिस की चालाकी और चालबाजी को दर्शाने वाली तुर्की की फिल्म, नो एंड/बी पायन, में अयाज की कहानी का चित्रण है, जो एक ईमानदार व्यक्ति है और जो अपने घर को बचाने की कोशिश में एक झूठ के कारण खुफिया पुलिस के चक्कर में पड़ जाता है। जब असली खुफिया पुलिस सामने आती है, तो हालात और भी जटिल हो जाते हैं।
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नो एंड’ के मुख्य अभिनेता वाहिद मोबासेरी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) के सिल्वर पीकॉक से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान नायक को तकलीफ पहुंचाने वाली भावनाओं की जटिल अभिव्यक्ति के लिए दिया गया । सर्वश्रेष्ठ फिल्म ‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ की मुख्य अभिनेत्री डेनिएला मार्न नवारो को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (महिला) के लिए सिल्वर पीकॉक से सम्मानित किया गया
53वें इफ्फी का स्पेशल ज्यूरी अवार्ड फिलीपीन्स के फिल्मकार लाव डियाज को व्हेन द वेव्स आर गॉन के लिए दिया गया है। यह फिल्म फिलीपींस में एक अन्वेषक की कहानी है, जो गहरे धर्मसंकट में है। यह फिल्म उसके स्याह अतीत की चर्चा करती है। गहन चिंता और अपराधबोध से युक्त सुधरने की उसकी कोशिशों के बावजूद यह अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ता।


इफ्फी ने एथेंस की निर्देशक असिमिना प्रोएड्रो को फिल्म बिहाइंड द हेस्टैक्स के लिए निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फीचर फिल्म के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस महोत्सव में इस फिल्म का अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर हुआ था। यह कहानी दर्शकों को एक ऐसे व्यक्ति, उसकी पत्नी और उसकी बेटी की यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित करती है, जिन्हें संकट आने पर पहली बार अपने कर्मों की कीमत अदा करने के लिए सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय निर्देशक, लेखक और सिनेमैटोग्राफर प्रवीण कंद्रेगुला को उनकी फिल्म सिनेमा बंदी के लिए ज्यूरी का विशेष उल्लेख सम्मान प्राप्त हुआ है, जो एक गरीब और संघर्ष कर रहे ऑटो चालक की कहानी है, जिसे कहीं एक महंगा कैमरा मिल जाता है, जो उसे ऑटो-चालक से फिल्म निर्माता बनने की यात्रा पर ले जाता है।

पायम असकंदरी द्वारा निर्देशित ईरानी फिल्म नारगेसी आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी अवार्ड से सम्मानित
पायम असकंदरी द्वारा निर्देशित ईरानी फिल्म नारगेसी को आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को उत्कृष्ट रूप से दर्शाने वाली फिल्म को दिया गया है। यह फिल्म डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति और इसके कारण उसके जीवन में पैदा होने वाली समस्याओं और परिणामों के बारे में है। इस पुरस्कार विजेता फिल्म में दो गुण -करुणा और कोमलता दर्शाए गए हैं।

अपने वर्चुअल संदेश में निर्देशक पायम असकंदरी ने इफ्फी की ज्यूरी के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है, मैं उन लोगों को, विशेष रूप से अपने परिवार – अपनी प्यारी पत्नी और नारगेसी के सभी कलाकारों और क्रू को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस फिल्म के निर्माण के लिए मुझ पर विश्वास किया।”निर्देशक ने कहा कि उन्हें लगता है कि डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोग देवदूत होते हैं और उनके जीवन के बारे में अनेक कहानियां हैं, जिन्हें सुना जाना चाहिए।
इस वर्ष, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक की प्रतिस्पर्धा के लिए दुनिया भर से नौ फिल्मों का चयन किया गया था।
अभिनेता निर्माता चिरंजीवी कोनिदेला को इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड 2022 से नवाजा गया
चिरंजीवी के नाम से विख्यात टॉलीवुड के मेगास्टार और पद्म भूषण से अंलकृत कोनिदेला शिव शंकर वरा प्रसाद को आज गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 53वें संस्करण के समापन समारोह में ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड 2022’ प्रदान किया गया।
प्रदान करने के लिए हर साल फिल्म महोत्सव के लिए सर्वोत्तम व्यवस्था करने का प्रयास करती है। इसके अलावा वह हर साल महोत्सव में नए आयाम जोड़ने का भी प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि इससे फिल्म बिरादरी और जनता के बीच जुड़ाव और बढ़ेगा और दर्शकों का एक समूह भी तैयार होगा जो स्क्रीन पर प्रदर्शित दृश्यों से परे फिल्मों के पहलुओं से अवगत है।
उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष खंड के तहत विशेष स्क्रीनिंग सुविधाओं की व्यवस्था करने में सक्षम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष उत्सव में 12,000 से अधिक प्रतिभागियों के पंजीकरण हुए। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान और कला के विभिन्न स्वरूपों का उत्सव मनाता है और यह देश विश्व बंधुत्व (वसुधैव कुटुम्बकम) के दर्शन में भी विश्वास करता है और इसलिए गोवा हर साल वैश्विक प्रतिनिधियों को आकर्षित करता है।
उन्होंने कहा कि गोवा एमआईसीई (यानी मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कांफ्रेंसिज और एक्जीबिशन्स ) टूरिज्म के लिए गंतव्य के रूप में भी उभर रहा है। उन्होंने गोवा में जी-20 शिखर सम्मेलन, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और पर्पल फेस्ट जैसे आगामी अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी को निमंत्रण दिया।
भारतीय सिनेमा की नामचीन हस्तियों ने समापन समारोह को भव्यता प्रदान की और गौरव बढ़ाया
मशहूर फिल्मी हस्तियों आशा पारेख, अक्षय कुमार, प्रसेनजीत चटर्जी, आयुष्मान खुराना, ईशा गुप्ता, मानुषी छिल्लर और शरमन जोशी को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत और को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने सम्मानित किया।

वरिष्ठ अदाकारा आशा पारेख ने कहा कि उनकी पहली फिल्म ‘दिल देके देखो‘ की रिलीज उनके करियर का अब तक का सबसे अच्छा पल है। उन्होंने कहा, “मुझे आज की हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों में दीपिका पादुकोण सबसे ज्यादा पसंद हैं”।
अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा की कि गोवा एक ऐसी जगह है जहां हर फिल्म उद्योग का व्यक्ति आना चाहता है!
बंगाली फिल्म उद्योग के प्रमुख अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी ने कहा कि हर कोई इफ्फी का इंतजार करता है क्योंकि यह अच्छे सिनेमा का मंच है। गोवा में होने के बारे में उन्होंने कहा कि वह जब भी गोवा में होते हैं तो यहां से अच्छी यादें लेकर जाते हैं.
बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कहा, “मैंने जो भी सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दे उठाए हैं, वह अपनी फिल्मों के जरिए उठाए हैं।”
फिल्में शामिल थीं। भारत रत्न लता मंगेशकर, गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी, कथक उस्ताद पं. बिरजू महाराज, अभिनेता रमेश देव और महेश्वरी अम्मा, गायक केके, निर्देशक तरुण, श्री निपोन दास असमिया अभिनेता और थिएटर कलाकार, मजूमदार और गायक भूपिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। जबकि इंटरनेशनल खंड में महोत्सव में बॉब राफेलसन, इवान रीटमैन, पीटर बोगडानोविच, डगलस ट्रंबेल और मोनिका विट्टी को श्रद्धांजलि दी गई ।
फिल्म बाजार
‘फिल्म बाजार’ के अंतर्गत विभिन्न खंडों में कुछ बेहतरीन फिल्मों और फिल्मकारों को प्रदर्शित किया गया। इफ्फी में पहली बार मार्शे डु कान जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तर्ज पर पवेलियन बनाए गए। इस साल कुल 42 पवेलियन बनाए गए, जिनमें विभिन्न राज्य सरकारों, प्रतिभागी देशों, उद्योग से जुड़े लोगों और मंत्रालय की मीडिया इकाइयों के फिल्म कार्यालय थे।
राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा सृजित और आयोजित फिल्म बाजार 2007 में अपनी साधारण शुरुआत से दक्षिण एशिया के वैश्विक फिल्म बाजार में विकसित हुआ है। प्रत्येक संस्करण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी में वृद्धि का साक्षी बना है। इन वर्षों में, लंच बॉक्स, मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ, चौथी कूट, किस्सा, शिप ऑफ थिसियस, तितली, कोर्ट, अन्हे घोड़े दा दान, मिस लवली, दम लगाके हईशा, लायर्स डाइस और तिथी जैसी फिल्में बाजार के एक या एक से अधिक कार्यक्रमों से होकर गुजरी हैं।
पांच दिनों की अवधि के दौरान फिल्म बाजार दुनिया भर के फिल्म खरीदारों और विक्रेताओं के लिए अभिसरण बिंदु बन जाता है। इसमें फोकस फिल्म, निर्माण और वितरण में दक्षिण एशियाई कॉन्टेंट और प्रतिभा की खोज, सहायता और प्रदर्शन पर रहता है। बाज़ार दक्षिण एशियाई क्षेत्र में विश्व सिनेमा की बिक्री को भी सुगम बनाता है।
‘बुक्स टू बॉक्स ऑफिस’
एक नया पुस्तक अनुकूलन कार्यक्रम ‘बुक्स टू बॉक्स ऑफिस’ शुरू किया गया है। यह कदम पुस्तकों में छपी अच्छी कहानियों और किताबों को अनुकूलित करके बनाई जा सकने वाली अच्छी फिल्मों के बीच की खाई को पाटने की पहल के रूप में उठाया गया। स्क्रीन सामग्री में परिवर्तित की जा सकने वाली पुस्तकों के अधिकार बेचने के लिए कुछ बेहतरीन प्रकाशक इसमें उपस्थित रहे।
मास्टरक्लासेज’ और ‘इन-कन्वर्सेशन’ सत्र
53वें इफ्फी में 20 से अधिक ‘ मास्टरक्लासेज ‘ और इन-कन्वर्सेशन’ सत्र आयोजित किए गए, जिनमें आशा पारेख, वी. विजयेंद्र प्रसाद, ए.आर. रहमान, ए. श्रीकर प्रसाद, अनुपम खेर, प्रसून जोशी, आनंद एल राय, आर बाल्की, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और पंकज त्रिपाठी सहित अन्य प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियों ने भाग लिया।
53वें इफ्फी में दिव्यांगजनों के लिए बेहतर अनुभव की पेशकश
महोत्सव को फिल्म के प्रति उत्साही दिव्यांगजनों के लिए अधिक समावेशी और सुलभ बनाने के लिए 53वें इफ्फी में दिव्यांगजनों के लिए विशेष खंड और विशेष शैक्षणिक सत्र आयोजित किए गए। दिव्यांगजन विशेष खंड इस वर्ष इफ्फी में सिनेमा को सभी के लिए समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक कदम है। इस खंड में, दिव्यांगजन दर्शकों के लिए फिल्म स्क्रीनिंग और स्थल के बुनियादी ढांचे, और प्रबंधन के प्रारूपों के संदर्भ में उनकी पहुंच संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फिल्म की समर्पित स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था।
इस खंड की फिल्मों में उपशीर्षक के साथ-साथ ऑडियो विवरण भी शामिल किए गए। ऑडियो विवरण पर विशेष रूप से ऑडियो ट्रैक बनाए गए, फिल्म में दृश्य जानकारी का वर्णन करते हैं। इसके अलावा, रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विजेता गांधी और अनंत नारायण महादेवन द्वारा निर्देशित द स्टोरीटेलर जैसी फिल्में, जिनका इफ्फी में ‘दिव्यांगजन’ खंड में प्रीमियर किया गया था, वे ऑडियो विवरणों और उपशीर्षकों सहित दृश्य –श्रव्य रूप से सुसज्जित थीं।