by: Ranjan Kumar Shriwastva
गुड़िया की शादी के लिए बातचीत शुरू हुई तो उसने अजीब जिद ठान ली और आखिरकार उसे पूरा कर दम लिया। गुड़िया अब रुद्राक्ष यानि कि मर्द बन चुकी है। अब वह खुद ही एक लड़की ढूंढ रहा है। छपरा के मढ़ौरा प्रखंड के बहुआरा पट्टी की 29 साल की लड़की गुड़िया अब पुरुष बन गई है। इस युवती का बचपन का ख्वाब उसके 29वें साल में पूरा हुआ है। दिल्ली में एक साल चले उपचार के बाद बीते 27 दिसंबर को आठ घंटे की जटिल सर्जरी के बाद अब वह पुरुष के रूप में बिल्कुल सहज, सक्षम व संतुष्ट दिख रही हैैं। नाम भी गुडिय़ा से बदलकर रुद्राक्ष रख लिया है। जल्द ही किसी लड़की से शादी करने का इरादा रखते हैैं।
काफी कठिन रहा गुडिय़ा से रुद्राक्ष बनने का यह सफर
गुडिय़ा से रुद्राक्ष बनने के इस सफर में परिवार वालों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। रुद्राक्ष ने बताया कि आठ- दस साल की उम्र से ही उसकी तमाम अनुभूतियां पुरुषोचित थी। ऐसा लगता था, जैसे स्त्री देह में कैद है। लड़कों के साथ पढऩे जाना, लड़कों जैसा हेयर स्टाइल रखना, कपड़े पहनना, उनके साथ खेलना दिनचर्या थी। कोई बेटा कहकर पुकारता तो अच्छा लगता था।
शादी की चर्चा चली तो जिद पर अड़ी गुड़िया
इसलिए मम्मी, पापा, दादी को लगातार समझाती रही कि मैं लड़की बनकर नहीं रह सकती। शादी की चर्चा चलने लगी तो लिंग परिवर्तन के लिए जिद पर अड़ गई। अंतत: पापा उसके जिद के आगे झुक गए। पर उन्हें मनाने में उसको 18 साल लग गए। उसकी शादी के लिए रखे पैसे और कुछ लोन लेकर इलाज शुरू करा दिया। दिल्ली में 27 दिसम्बर 21 को आपरेशन हुआ और अब वह पूरी तरह फिट है।
हारमोन थेरेपी और सर्जरी से हो रहा संभव
बिहार में यह ऐसा पहला मामला नहीं है। राज्य में पहले भी कुछ लड़कियां सर्जरी कराकर लड़का बन चुकी हैं। इसके लिए लंबे इलाज की जरूरत पड़ती है। इसकी शुरुआत हार्मोन थेरेपी से होती है। लिंग परिवर्तन के लिए जरूरी हार्मोन देने के साथ ही संबंधित शख्स के व्यवहार और शारीरिक हाव-भाव में परिवर्तन होने लगता है। एक निश्चित सीमा तक परिणाम पाने के बाद आखिर में सर्जरी के जरिए यह प्रक्रिया पूरी होती है।
ऐसे नाम पड़ा रुद्राक्ष
रुद्राक्ष नामक रखने के पीछे गुडिया ने बताया कि उसे बचपन से भोलेनाथ में बड़ी आस्था और उनके प्रति भक्ति थी। ‘भोलेनाथ की मर्जी’ उसका तकिया कलाम बन गया था। जिसे देख कर उसके पापा ने कहा कि नाम रुद्राक्ष ही रखो। समाज के लिए संदेश पूछने पर रुद्राक्ष ने कहा कि जिन्दगी अपनी है जैसे मन करे स्वतंत्र हो कर अपनी शर्तों पर जीएँ।